पहले नक्सलियों को किया ठीक, अब तहव्वुर राणा को लाए वापस, जानिए कौन हैं IPS आशीष…


IPS आशीष बत्रा की टीम तहव्वुर राणा को वापस ला रही है.
आतंकी तहव्वुर राणा के गुनाहों का हिसाब भारत में होगा. भारतीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की टीम उसे लेकर भारत पहुंच गई हैं. तहव्वुर को भारत लाने के लिए इस बनी टीम को लीड करने का काम IPS आशीष बत्रा को सौंपा गया था. जो एनआईआई आईजी हैं. वहीं मॉनीटनिंग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने देखी.
IPS आशीष बत्रा झारखंड कैडर के वरिष्ठ IPS अधिकारी हैं. 2019 में उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था. उस समय उनका कार्यकाल 5 साल के लिए तय किया गया था. हालांकि पिछले साल ही उनकी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति को दो साल के लिए और बढ़ा दिया गया था. अब आतंकी तहव्वुर राणा को भारत लाने की बड़ी जिम्मेदारी भी उन्हीं को सौंपी गई थी.
जानिए IPS आशीष बत्रा के बारे में
IPS आशीष बत्रा झारखंड कैडर के 1997 बैच के अधिकारी हैं, उन्हें राज्य के तेज तर्रार अफसरों में माना जाता है. उनका जन्म 1972 में हुआ था. पढ़ाई की बात करें तो आशीष बत्रा ने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री ली है. 2019 में जब उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया तब वह झारखंड में आईजी अभियान थे. 2019 में उन्हें झारखंड सरकार के गृह विभाग ने उन्हें रिलीव कर दिया था, तब से वह NIA में अपनी सेवाएं दे रहे थे.
नक्सल अभियान में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
IPS आशीष बत्रा ने झारखंड के नक्सल अभियान में बड़ी भूमिका निभाई थी, वह जनवरी 2018 में झारखंड जगुआर के आईजी बने थे. झारखंड जगुआर नक्सलियों से लड़ने के लिए बनाया गया स्पेशल टास्क फोर्स है. यह ठीक उसी तरह काम करता है जैसे आंध्रप्रदेश में ग्रेहाउंड करता है. इसकी स्थापना 2008 में हुई थी. इस फोर्स के जवान गुरिल्ला वार में महारथी माने जाते हैं. IPS आशीष बत्रा ने इस फोर्स को लीड करते हुए नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े अभियान चलाए थे.
गृह मंत्रालय मंत्रालय ने खुद की थी मांग
IPS आशीष बत्रा के काम को देखते हुए 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 अगस्त को झारखंड सरकार को पत्र भेजकर IPS आशीष को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने की मांग की थी. इसके बाद झारखंड के गृह मंत्रालय ने उन्हें रिलीव कर दिया था. वह काफी तेज तर्रार अधिकारी माने जाते हैं, इसीलिए केंद्र में उन्हें एनआईए आजी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. पहले उन्हें 5 साल के लिए ये पद दिया गया था, लेकिन 2024 में इसे दो साल के लिए और बढ़़ा दिया गया था.