वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन बिलासपुर की पहली बैठक आयोजित, आगामी…- भारत संपर्क



सनातन परंपराओं में समाज की सुरक्षा व्यवस्था और संतुलन के लिए चार वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र बनाए गए। इनका मूल आधार जन्म नहीं बल्कि गुण, कर्म और स्वाध्याय था। ब्राह्मण वे लोग थे जिनका जीवन अध्ययन, अध्यापन, वेद, पुराण उपनिषद और शास्त्र के अध्ययन मनन ,विद्या अर्जन था। यह वर्ण समाज को दिशा देता था इसलिए उन्हें श्रेष्ठ माना गया। उस कालखंड में यज्ञ, अनुष्ठान , संस्कार आदि का संचालन कर समाज को धार्मिक और नैतिक मार्ग पर रखने की जिम्मेदारी ब्राह्मणों पर थी। भौतिक इच्छाओं से दूर रहकर ज्ञान और धर्म से जीवन यापन करने वाला ब्राह्मण के कंधे पर सनातन परंपराओं के रक्षण, संरक्षण की भी जिम्मेदारी थी। ब्राह्मण ही समाज को ईश्वर का बोध कराता था और आज भी ब्राह्मण पर यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

इसी जिम्मेदारी के पालन के लिए वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन बिलासपुर का गठन किया गया है, जिसकी पहली बैठक शनिवार शाम को तोरवा रेलवे क्षेत्र स्थित रामलीला भवन में आयोजित की गई, जहां वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन बिलासपुर की अध्यक्ष प्रभा तिवारी के नेतृत्व में संस्थापक सदस्यों की बैठक हुई, जहां आगामी कार्य योजना की रणनीति तैयार की गई। यहां सभी सदस्यों ने देश, धर्म और सनातन की रक्षा के उद्देश्य से धार्मिक, सामाजिक गतिविधियों के संचालन की बात कही । आगामी दिनों में आयोजित होने वाले नवरात्र पर कन्या भोज आयोजित करने पर सहमति बनी तो वहीं आगामी दिनों में कार्य करणी के गठन की भी बात कही गई।
इस संगठन में समस्त ब्राह्मणों को एकजुट करने पर जोर दिया गया ताकि ब्राह्मण एक बार फिर ज्ञान के प्रकाश से समाज का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें सनातनी परंपराओं की ओर वापस ले जा सके।
इस बैठक में प्रभा तिवारी, छाया पांडे, विनीता वैद्य, अजय वैद्य, संजय तिवारी, विनोद व्यास, अतुल अवस्थी, शशि मिश्रा, शुभम तिवारी आदि उपस्थित रहे।