पहले तो साइबर फ्रॉड कर हड़प लिए करीब 18 लाख रुपए, और फिर…- भारत संपर्क

आकाश मिश्रा
दोहरा फ्रॉड करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को बिलासपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गैंग के सरगना समेत दो और लोगों की पुलिस को तलाश है।
अगर आपको लगता है कि जामताड़ा, राजस्थान हरियाणा और बंगाल से ही साइबर फ्रॉड ऑपरेट करते हैं तो यह आपके लिए नई खबर है कि ऐसे गिरोह बिलासपुर और आसपास भी मौजूद हैं। बिलासपुर के इस गैंग ने हरियाणा पानीपत के राज सिंह से धोखे से ओटीपी लेकर उनके अकाउंट से 17 लाख 80 हजार रुपए पार कर दिए थे। गैंग ने लेनदेन के लिए बिलासपुर गोडपारा में रहने वाली संध्या मिश्रा के बैंक खाते का इस्तेमाल किया था। इसलिए पानीपत की अदालत ने संध्या मिश्रा के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया था। संध्या मिश्रा के खाते में जमा 17 लाख 80 हजार रुपए को राज सिंह के खाते में ट्रांसफर करने के लिए संध्या मिश्रा के खाते पर से कुछ समय के लिए प्रतिबंध हटाया गया लेकिन किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से राज सिंह के खाते में रकम जमा होने की बजाय वह वापस संध्या मिश्रा के खाते में आ गई। जैसे ही इसकी जानकारी संध्या मिश्रा और उसके गैंग के लोगों को हुई तो उन्होंने चेक, यूपीआई आदि अलग-अलग माध्यमो से उस खाते से 14 लाख 86 हजार रुपये निकाल लिए।

इस संबंध में पानीपत के न्यायालय से एचडीएफसी बैंक को जानकारी मिली तो बैंक मैनेजर ने सरकंडा थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने गोड़पारा निवासी संध्या मिश्रा, उसके भतीजे प्रियांशु मिश्रा और रायपुर से नितेश साहू को गिरफ्तार किया है। प्रियांशु मिश्रा, संध्या मिश्रा का भतीजा है जो उसके बैंक खाते को ऑपरेट कर रहा था। पुलिस ने संध्या मिश्रा के पास से ₹50,000, प्रियांशु मिश्रा के पास से साढे चार लाख रुपये और नितेश साहू के पास से 2 लाख 20 हजार रुपये, इस तरह कुल 7 लाख ₹20,000 की रिकवरी की है। इस मामले में पुलिस को फरार आरोपी वैभव पांडे और नंदकुमार की तलाश है।

पुलिस ने बताया कि इस गैंग का सरगना वैभव पांडे है। इन लोगों ने पहले तो साइबर क्राइम करते हुए राज सिंह के खाते से 70 लाख से अधिक की रकम पार कर दी और फिर अवसर देखते ही अदालत की आदेश की भी अवहेलना करते हुए उस रकम को निकाल भी लिया। फर्जीवाड़ा करने वाले तीन आरोपी तो पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। पुलिस को यकीन है कि गैंग का सरगना और उसका साथी भी जल्द ही पुलिस के कब्जे में होंगे।