भारत के नक्शेकदम पर पाकिस्तान, जापान ने जारी किया ये फरमान |…- भारत संपर्क
पकिस्तान के रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है
पाकिस्तान भी अब भारत के नक्शेकदम पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है. खासकर पाकिस्तान का सेंट्रल बैंक. जी हां पाकिस्तान से खबर सामने आ रही है कि सेंट्रल बैंक ने लगातार छठवीं बार अपनी पॉलिसी की बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव ना करने का फैसला लिया है. मौजूदा समय में पाकिस्तान में ब्याज दरें रिकॉर्ड लेवल पर है. इसका मतलब है कि आम लोगों को उधार पर ज्यादा ब्याज देना होगा. वहीं दूसरी ओर जापान ने भी एतिहासिक फैसला लेते हुए 17 साल के बाद ब्याज दरों में इजाफा किया है. इससे पहले भारत के रिजर्व बैंक ने भी फरवरी के महीने में ब्याज दरों में कोई बदलाव ना करते हुए लगातार छठी बार पॉलिसी रेट को फ्रीज रखा था. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पाकिस्तान में पॉलिसी रेट कितने फीसदी पर है.
6वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने लगातार छठी बार अपनी पॉलिसी बैठक में प्रमुख उधारी दर में कोई बदलाव नहीं किया है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान में वहीं ब्याज दर रहेंगी जो इससे पहले थी. मौजूदा समय में पकिस्तान में पॉलिसी रेट 22 फीसदी के साथ रिकॉर्ड हाई पर मौजूद हैं. एसबीपी ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बैठक की और वर्तमान आर्थिक वृद्धि की समीक्षा की. एमपीसी ने यथास्थिति बनाए रखने के संबंध में कहा कि हालांकि मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट आई है, फिर भी यह काफी अधिक है, और इसलिए केंद्रीय बैंक जोखिमों के प्रति संवेदनशील बना हुआ है. समिति ने कहा कि आंकड़ों से आर्थिक गतिविधियों में मामूली तेजी का पता चल रहा है.
महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही
पाकिस्तान में महंगाई के आंकड़ें कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. रमजान के महीने में भी फलों और सब्जियों की कीमतें आसमान पर पहुंची हुई हैं. आटे की कीमतों में भी काफी तेजी देखने को मिली है. जिसकी वजह से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह से पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव ना करने का फैसला लिया है. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में महंगाई कम होने के कोई आसार नहीं है. ऐसे में पाकिस्तान को थोड़े लंबे समय तक महंगाई से जूझना पड़ सकता है.
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आईएमएफ से राहत पैकेज
इस बीच पड़ोसी देश में नवनिर्वाचित सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ राहत पैकेज की अगली किश्त हासिल करने के लिए चर्चा कर रही है. आईएमएफ को यह तय करना है कि क्या पाकिस्तान ने 1.1 अरब डॉलर की अगली किश्त पाने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा कर लिया है. पाकिस्तान की ओर से आईएमएफ से काफी दिनों में राहत पैकेज की डिमांड कर रहा है. बीच में पाकिस्तान में चुनाव की वजह से प्रोसेस धीमा हो गया था. नई सरकार बनने के बाद पाकिस्तान की सरकार ने आईएमएफ के सामने राहत पैकेज की गुहार लगानी शुरू कर दी है.
जापान ने 17 साल बाद बढ़ाई ब्याज दरें
जापान के केंद्रीय बैंक ने इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए 17 सालों के बाद पहली बार प्रधान उधारी दर में इजाफा किया है. इसके साथ ही वहां नकारात्मक ब्याज दरों की लंबे समय से चली आ रही पॉलिसी समाप्त हो गई है. बैंक ऑफ जापान ने अपनी नीति बैठक में अल्पकालिक ब्याज दर को ऋणात्मक 0.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.1 प्रतिशत कर दिया. ब्याज दरों में फरवरी 2007 के बाद पहली बार बढ़ोतरी हुई है.
केंद्रीय बैंक ने दो प्रतिशत मुद्रास्फीति का लक्ष्य तय किया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि जापान आखिरकार अपस्फीति की प्रवृत्ति से बच गया है. मुद्रास्फीति के विपरीत अपस्फीति में कीमतें कम होने लगती हैं. बैंक ऑफ जापान के प्रमुख काजुओ उएदा ने इससे पहले कहा था कि अगर दो प्रतिशत मुद्रास्फीति लक्ष्य पूरा हो जाता है, तो बैंक अपनी नकारात्मक ब्याज दर की समीक्षा करेगा.
भारत की ब्याज दरें स्थिर
वहीं दूसरी ओर भारत की बात करें तो आरबीआई ने भी फरवरी 2023 के बार से पॉलिसी रेट पर फ्रीज बटन दबाया हुआ है. मौजूदा समय बीते एक साल से आबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. इसकी वजह से महंगाई का बढ़ना है. मौजूदा समय में भी भारत की महंगाई दर 5 फीसदी से ज्यादा है. एक समय में देश की महंगाई दर 6 फीसदी से ज्यादा हो गई थी. जिसकी वजह से मई 2022 से फरवरी 2023 तक लगातार ब्याज दरों में इजाफा किया और 2.50 फीसदी के इजाफे के साथ 6.50 फीसदी पर आ गए हैं.