Foreign University in India: लिवरपूल यूनिवर्सिटी भारत में अपना पहला कैंपस…


लीवरपूल यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों को लेटर ऑफ इंटेंट देते केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान
भारतीय छात्रों को अब विदेशी यूनिवर्सिटीज से हायर स्टडीज यानी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए देश नहीं छोड़ना पड़ेगा. अब भारतीय छात्र देश में रहकर ही विदेशी यूनिवर्सिटीज की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं. इसी कड़ी में नया नाम यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल का जुड़ा है. जिसने भारत में अपना पहला कैंपस बेंगलुरु में खोलने की घाेषणा की है. आइए जानते हैं कि लिवरपूल यूनिवर्सिटी की भारत में एंट्री के पीछे की कहानी क्या है.
साथ ही जानेंगे कि अब तक कितनी विदेशी यूनिवर्सिटी भारत आ चुकी है और आनी हैं. साथ ही जानेंगे कि कब से लिवरपूल यूनिवर्सिटी अपने पहले भारतीय कैंपस में दाखिला प्रक्रिया शुरू करेगी.
अगले साल से लिवरपूल यूनिवर्सिटी में दाखिला
यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल इंग्लैंड बेस्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर का शिक्षण संस्थान है. जिसकी स्थापना 1881 में की गई थी. जो भारत में अपना पहला कैंपस बेंगलुरु में शुरू करेगी. माना जा रहा है कि यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल अपने भारतीय कैंपस में शैक्षणिक सत्र 2026-27 में दाखिला शुरू कर देगी. जिसके तहत लॉ, बिजनेस और हेल्थ साइंस से जुड़े कोर्सेस में दाखिला के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा सकते हैं. जिनका उद्देश्य भारतीय छात्रों को घरेलू स्तर पर विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना है.
लिवरपूल यूनिवर्सिटी की भारत में एंट्री के पीछे की कहानी
लिवरपूल यूनिवर्सिटी को भारत में अपना कैंपस खोलने की मंजूरी बीते दिनों यूजीसी की तरफ से दी गई है. इस संबंध में यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने सोमवार को लेटर ऑफ इंटेंट सौंपा. इस दौरान उन्होंने लिवरपूल यूनिवर्सिटी का भारत में स्वागत करते हुए कहा कि आज का यह कदम भारत की अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक साझेदारी को गहरा करने की यात्रा में एक और मील का पत्थर है और वैश्विक उच्च शिक्षा में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत के उभरने की पुष्टि भी करता है.
असल में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस खोलने की मंजूरी देने का प्रावधान किया गया है. इसी कड़ी में लिवरपूल यूनिवर्सिटी को भारत में अपना कैंपस खोलने की मंजूरी दी गई है.
इन विदेशी यूनिवर्सिटी को भी मिली यूजीसी की मंजूरी
यूजीसी ने यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल के साथ ही इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूएसए), विक्टोरिया यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया), वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया) और इस्टिटूटो यूरोपियो डी डिजाइन (इटली) को भी भारत में अपना कैंपस शुरू करने की मंजूरी दी है. इसके साथी ही 6 प्रस्तावों की अभी समीक्षा की जा रही है. वहीं शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान घोषणा कर चुके हैं कि इसी सत्र में देश में 15 विदेशी यूनिवर्सिटी आ रही हैं.
इन विदेशी यूनिवर्सिटीज का भारत में कैंपस
लिवरपूल यूनिवर्सिटी से पहले देश में तीन विदेशी विश्वविद्यालय अपने कैंपसों में दाखिला प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं. इनमें से एक साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी है, जिसने गुरुग्राम में अपना कैंपस शुरू करने की घोषणा की है, जो अगस्त 2025 से दाखिला प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है. इसके साथ ही गुजरात की गिफ्ट सिटी में ऑस्ट्रेलिया की दो यूनिवर्सिटी पहले से संचालित हैं, जिसमें वोलोंगोंन यूनिवर्सिटी और डीकिन यूनिवर्सिटी शामिल हैं, जहां पढ़ाई शुरू हो चुकी है.
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