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तेंदूपत्ता संग्रहण में वन विभाग नहीं दे पा रहा सुरक्षा, ग्रामीणों पर जंगली जानवर कर रहे लगातार हमला
कोरबा। जिले में भालू और जंगली सूअर के हमले में महिला सहित चार ग्रामीण घायल हो गए। इन घटनाओं ने तेंदूपत्ता सीजन के दौरान जंगलों में सुरक्षा के अभाव को उजागर किया है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि जंगलों में गश्त बढ़ाई जाए और तेंदूपत्ता तोडऩे वालों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। वन विभाग का दावा है कि जंगल से लगे गांवों में निगरानी रखी जा रही है और मुनादी भी की जाती है, लेकिन गर्मियों में जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि जंगलों में गश्त बढ़ाई जाए और तेंदूपत्ता तोडऩे वालों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। कोरबा जिले में जंगली जानवरों के हमले की दो अलग-अलग घटनाओं ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। पहली घटना बालको थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बेला के टापरा गांव में हुई, जहां 65 वर्षीय चंद्रमती राठिया पर तेंदूपत्ता तोडऩे के दौरान भालू ने हमला कर दिया। दूसरी घटना ग्राम गुरसिया बीट के नेटीभैसा जंगल में हुई, जहां जंगली सूअर ने तीन ग्रामीणों पर हमला किया।चंद्रमती राठिया गांव से लगे जंगल में तेंदूपत्ता तोडऩे गई थीं, तभी भालू ने उन पर हमला कर दिया। हमले में उनका बायां हाथ बुरी तरह घायल हो गया और वह खून से लथपथ हालत में मिलीं। महिला के चीखने पर भालू भाग गया, नहीं तो जानलेवा हमला हो सकता था। डायल 112 की कोबरा-01 टीम ने तुरंत कार्रवाई कर उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। चंद्रमती ने बताया कि वह पहले भी तेंदूपत्ता तोडऩे जाती रही हैं, लेकिन भालू से पहली बार सामना हुआ, जिससे वह डरी हुई हैं। इसी तरह शनिवार दोपहर ग्राम गुरसिया बीट के नेटीभैसा जंगल में तेंदूपत्ता तोडऩे गए ग्रामीणों पर जंगली सूअर ने हमला कर दिया। इस हमले में सुहानी (18) पुत्री पिता जय करण, पवारो बाई (42) पत्नी हीरा और गंभीर साय (80) घायल हो गए। तीनों में से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।