इस देश में LGBTQ संबंध तो भूल ही जाइये, समर्थन किया तो 5 साल जेल! | ghana passes anti… – भारत संपर्क

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इस देश में LGBTQ संबंध तो भूल ही जाइये, समर्थन किया तो 5 साल जेल! | ghana passes anti… – भारत संपर्क
इस देश में LGBTQ संबंध तो भूल ही जाइये, समर्थन किया तो 5 साल जेल!

फाइल फोटो, पीटीआई

पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना ने LGBTQ के अधिकारों के पर कतरने वाला विवादास्पद बिल संसद से पारित करा लिया है. घाना की संसद के फैसले का दुनिया के कई एक्टिविस्ट ने विरोध किया है. इस फैसले के बाद घाना में LGBTQ समुदाय के खिलाफ भेदभाव गहराने की बात की जा रही है.

घाना के कट्टरपंथी और धार्मिक नेताओं ने एक गठबंधन बना इस बिल पर मुहर लगा दी. कानून ऐसे लोगों को सजा देने के लिए है जो किसी भी तरह के समलैंगिक संबंध में हैं. न सिर्फ इतना बल्कि समलैंगिक, लेस्बियन समेत LGBTQ के अधिकारों के लिए लड़ने वालों के लिए भी सजा का प्रावधान है. यही प्रोविजन इस कानून को अपने आप में अलग बनाती है.

कितने साल की हो सकती है सजा?

इस विधेयक को अफ्रीका का अपनी तरह का सबसे कठोर बिल कहा जा रहा है. ये विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून बन जाएगा. जानकारों की मानें तो आम चुनाव के आसपास ही बिल कानून की शक्ल लेगा. इस कानून को मानवाधिकारों का उल्लंघन माना जा रहा है.

विधेयक के प्रावधानों की मानें तो एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों को छह महीने से तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है. साथ ही, समलैंगिक अधिकारों के प्रचार, समर्थन करने पर भी तीन से पांच साल की जेल की सजा का भी प्रावधान किया गया है.

राष्ट्रपति की सोच कैसी है?

दुनिया जहान के लोग जो एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए खुल कर लड़ते हैं, उन्होंने देश के राष्ट्रपति नाना अकुफो-एडो से बिल नामंजूर करने की मांग की है. लेकिन कहा जा रहा है कि इस कानून को घाना में बड़े पैमाने पर समर्थन हासिल है. घाना के राष्ट्रपति भी कई मर्तबा ये बात दोहरा चुके हैं कि जब तक वह सत्ता में हैं, समलैंगिक शादियों की इजाजत नहीं देंगे.

किस तरह की चिंताएं जताई जा रहीं?

पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना में धार्मिक शादियां पहले ही से अवैध हैं. साथ ही, एलजीबीटीक्यू लोगों के खिलाफ भेदभाव आम है. हालांकि अब तक व्यवस्था थी कि किसी पर भी मुकदमा नहीं चलाया जा सकता मगर अब नए कानून के बाद इस समुदाय विशेष के लिए स्थिति काफी चिंताजनक हो सकती है.

दिलचस्प ये है कि इस बिल को समर्थन देने वाले सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के भी नेता हैं. इस बिल के पारित होने से घाना में एलजीबीटीक्यू समुदाय के हाशिए पर जाने की बात हो रही है. चिंता जताई जा रही है कि इससे न केवल भेदभाव बढ़ेगा बल्कि डर, उत्पीड़न को भी बढ़ावा मिलेगा.

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