छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे…- भारत संपर्क



रायपुर, 21 जुलाई 2025।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया है। रायपुर जोनल कार्यालय की ईडी टीम ने उन्हें 18 जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत गिरफ्तार किया। इसके बाद उन्हें माननीय विशेष न्यायालय (पीएमएलए), रायपुर में पेश किया गया, जहाँ से अदालत ने ईडी को पाँच दिन की हिरासत दी है। अब चैतन्य बघेल 22 जुलाई तक ईडी की रिमांड पर रहेंगे।
2019 से 2022 तक चला घोटाला, 2500 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई

ईडी ने यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ राज्य में 2019 से 2022 के बीच हुए शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में की है। इस घोटाले को लेकर एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर ने भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। जांच में सामने आया कि इस घोटाले से राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय (POC) शराब माफिया और उनके राजनीतिक-सहयोगियों की जेबों में पहुंचाई गई।
चैतन्य बघेल ने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में मिलाए 16.70 करोड़ के अवैध फंड
ईडी की ताजा जांच में यह खुलासा हुआ है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की अवैध राशि प्राप्त हुई थी, जिसे उन्होंने अपने रियल एस्टेट कारोबार में मिलाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि उन्होंने इस पीओसी को छुपाने के लिए नकद भुगतान, बैंक खातों में एंट्री और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विकास में निवेश किया।
ईडी के अनुसार, चैतन्य ने अपने “विट्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में भी घोटाले से जुड़े पैसे को ठिकाने लगाया। उन्होंने शराब सिंडिकेट से जुड़े कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलीभगत की और उनके कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट खरीदने के बहाने 5 करोड़ रुपये का लेन-देन किया। बैंकिंग ट्रेल से भी इस लेन-देन की पुष्टि हुई है।
1000 करोड़ से अधिक का फंड राजनीतिक चैनल तक पहुंचाया
ईडी ने आरोप लगाया है कि चैतन्य बघेल ने न केवल खुद अवैध कमाई का इस्तेमाल किया बल्कि शराब घोटाले से निकली 1000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुँचाने के लिए अनवर ढेबर और अन्य आरोपियों से समन्वय किया। ईडी का दावा है कि इस घोटाले से कमाए गए पैसे को आगे निवेश के लिए बघेल परिवार के करीबी सहयोगियों तक पहुँचाया गया।
पहले भी कई बड़े नाम गिरफ्तार
गौरतलब है कि इस घोटाले में पहले भी कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं। इसमें पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता अनवर ढेबर, आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और तत्कालीन आबकारी मंत्री व मौजूदा विधायक कवासी लखमा शामिल हैं।
आगे की जांच जारी
ईडी अधिकारियों ने बताया कि घोटाले से जुड़े पैसों के अंतिम इस्तेमाल और नेटवर्क की पहचान के लिए जांच अभी जारी है। एजेंसी का कहना है कि इस घोटाले के तार राजनीतिक फंडिंग और रियल एस्टेट निवेश से जुड़े कई प्रभावशाली लोगों से जुड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में और भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
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