‘दो गज जमीन के नीचे’ से ‘स्त्री 2’ तक, पिछले 52 सालों में ऐसे बदले बॉलीवुड… – भारत संपर्क

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‘दो गज जमीन के नीचे’ से ‘स्त्री 2’ तक, पिछले 52 सालों में ऐसे बदले बॉलीवुड… – भारत संपर्क
'दो गज जमीन के नीचे' से 'स्त्री 2' तक, पिछले 52 सालों में ऐसे बदले बॉलीवुड फिल्मों के भूत

कैसे बदले फिल्मों के भूत?

भारत का सिनेमाई इतिहास बहुत पुराना है. लेकिन उससे भी ज्यादा पुरानी हैं, देश में गूंजने वाली किंवदंतियां, यानी वो गली-कूचों की कहानियां जो दादी-नानी के मुंह से सुनकर हम सब बड़े हुए हैं. आज भी किसी पुराने से गांव के, पुराने से बरगद या नीम के पेड़ पर बैठने वाली सदियों साल पुरानी चुड़ैलों के शरीर से लिपटने की कहानी सुनाकर बच्चों को माएं खाना खिलाती हैं. कहने का मतलब ये है कि हमारे देश की लोक कथाओं में भूत-प्रेतों का अस्तित्व बहुत अच्छे तरीके से रचा बसा है और उन्हीं कहानियों को लेकर बड़े पर्दे पर गढ़ने की कोशिश फिल्ममेकर्स ने की है. लेकिन तकनीक अब बदल चुकी है और उसके साथ ही बदल चुके हैं सिनेमा के ये भूत.

नई तकनीकों के साथ हॉरर फिल्मों में भूतों का लुक भी पूरी तरह से बदल चुका है. पहले के सिनेमा में अगर कोई लड़की भूत बनती थी तो उसके लिए आंखों में लेंस लगाया जाता था. अगर कोई लड़का भूत बनता था तो उसके चेहरे पर हैवी मेकअप किया जाता था, लेकिन अब ऐसा बिल्कुल नहीं है. आज के सिनेमा में तकनीक का इस्तेमाल कर भूतों के अलग से चेहरे बनाए जाते हैं.

इसके अलावा पहले के वक्त में जब लोगों को डराना होता था तो मेकर्स दरवाजे के साउंड, पानी के गिरने की आवाजें और कैमरे के एंगल्स और लाइटिंग पर फोकस करते थे. हालांकि आज की फिल्मों में कहानी पूरी तरह से अलग है. आज की फिल्मों में वीएफएक्स की मदद से भूतों को रूप दिया जाता है, फिर उनके तैयार वीएफएक्स पर सीन के हिसाब से मोशन सेटिंग की जाती है, जिससे वह रियल फील देते हैं. मेकर्स आज की जनरेशन के लिए उनके हिसाब से भूतों को डिजाइन करते हैं. लेकिन एक और चीज है जिससे आज के भूतों की पहचान है, वह है उनकी बैक स्टोरी जिसे आजकल एक खास तरह से बिल्डअप दिया जाता है. ताकि कैरेक्टर और भी ज्यादा दिलचस्प हो जाए, आज हम आपको बताते हैं कि कैसे सिनेमा के बदलने के साथ फिल्मों में ‘भूतों’ की सूरत और उनकी कहानी दोनों बदल गई है.

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1. ‘दो गज जमीन के नीचे’ का भूत

30 दिसंबर 1972 के दिन रिलीज हुई ‘दो गज जमीन के नीचे’ फिल्म अमीर साइंटिस्ट राजवंश और उसकी धोखेबाज पत्नी अंजली पर बेस्ड है. इस फिल्म में साइंटिस्ट का किरदार सुरेंद्र कुमार ने निभाया था और अंजली के रोल में शोभना को दिखाया गया था. फिल्म में काफी डरावने सीन हैं. इस फिल्म में सत्येन कप्पू, धूमल, हेलन और इम्तियाज खान जैसे कई सितारों ने मुख्य भूमिका निभाई है. ‘दो गज जमीन के नीचे’ फिल्म में राजवंश की संपत्ति के लिए अंजली उसे अपने पुराने प्रेमी के साथ मिलकर मार देती है और उसकी लाश को वो दोनों कब्रिस्तान में दफना देते हैं. फिल्म में ट्विस्ट तब आता है जब राजवंश अपनी मौत का बदला लेने के लिए एक जोंबी के रूप में वापस आता है. फिल्म में जोंबी दिखाने के लिए एक्टर के हैवी मेकअप किया गया है.Horror Movie

2. ‘जानी दुश्मन’ का भूत

जबरदस्त हॉरर फिल्म ‘जानी दुश्मन’ में शत्रुघ्न सिन्हा ने भूत का किरदार निभाया था. फिल्म में दुल्हन के जो़ड़े में किसी महिला को देखकर ‘भूत’ भड़क जाता था और उसे किडनैप कर लेता था. फिल्म में भूत को भालू की तरह दिखाया गया था. शत्रुघ्न सिन्हा के चेहरे पर हैवी मेकअप किया गया था. इसके साथ ही चेहरे को भालू की तरह दिखाने के लिए बालों का इस्तेमाल किया गया था. फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा एक और किरदार में भी थे इसलिए उनको दो-दो कॉस्ट्यूम बदलने पड़ते थे. हालांकि इस फिल्म में ये इस भूत की बैकस्टोरी को उतना हाइलाइट नहीं किया गया था.Kanchana Horror Movie

3. ‘कंचना’ का भूत

‘कंचना’ साउथ सिनेमा की क्लासिक हॉरर फिल्मों में से एक है. भले इस फिल्म को जितने भी साल क्यों न हो जाएं, लेकिन इस फिल्म की कहानी और कंचना का भूत आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है. फिल्म में राघव नाम का एक कैमरामैन है, जो भूतों से डरता है. फिल्म की कहानी राघव लॉरेंस के किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है, जिस पर एक आत्मा कब्जा कर लेती है. वह औरतों जैसा व्यवहार करने लगता है. फिल्म में एक लड़की को चुड़ैल बनाया गया है, लेकिन उसे डरावना दिखाने के लिए मेकअप नहीं बल्कि लाइटिंग और एक्प्रेशन्स का इस्तेमाल किया गया है.Sarkata In Film Stree 2

4. ‘स्त्री 2’ का सरकटा

‘स्त्री 2’ 15 अगस्त को रिलीज हुई थी. तब से लेकर अब तक ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाए हुए है. फिल्म में सरकटा नाम का भूत है, जो चंदेरी गांव में रहने वाली लड़कियों को गायब करता है. मेकर्स ने उसकी पूरी बॉडी पर फोकस न करते हुए उसके सिर पर सबसे ज्यादा वीएफएक्स का काम किया है. फिल्म में सरकटा का रोल सुनील कुमार ने अदा किया है, जो पुलिस कांस्टेबल के साथ-साथ एक पहलवान भी हैं, लेकिन सरकटा के किरदार को खास बनाती है उसकी कमाल की बैकस्टोरी, जिसे स्त्री के युनिवर्स में बहुत अच्छे से ढ़ाला गया है.

सरकटा अपनी जिंदगी में एक ऐसा शख्स था जिसे नई सोच वाली औरतों से नफरत थी. अब मरने के बाद भी वह उन औरतों को अपना शिकार बनाता है, जो आधुनिक विचार रखती हैं. यहां तक कि वह चंदेरी के बाकी मर्दों की सोच को भी बदल देता है. ये सीन हमारे असल जीवन और आज के समाज में हो रही चीजों पर एक बढ़िया कॉमेंट करता है.Kakuda Horror Movie

5. ‘काकुड़ा’ का भूत

‘काकुड़ा’ मूवी की कहानी एक तड़पती हुई आत्मा की है. जिन किंवदंतियों की बात शुरूआत में की गई ये फिल्म उसका एक बढ़िया उदाहरण है. फिल्म में साकिब सलीम, सोनाक्षी सिन्हा और रितेश देशमुख ने लीड रोल निभाया है. फिल्म में मथुरा का एक छोटा सा गांव रतौड़ी दिखाया गया है. रतौड़ी गांव श्रापित है और वहां काकुड़ा का साया है. फिल्म में हर घर में दो दरवाजे हैं, एक बड़ा और एक छोटा.

गांव में हर मंगलवार को ठीक सवा सात बजे किसी भी पुरुष को घर का छोटा गेट खोलना पड़ता है. अगर घर का दरवाजा नहीं खुलता तो घर के पुरूष की 13वें दिन मौत हो जाती है. फिल्म में ‘काकुड़ा’ का किरदार निभाने वाले भूत को देखकर आपको हल्क का कैरेक्टर याद आ जाएगा. फिल्म का प्लॉट काफी अच्छा है जिसमें सस्पेंस भर-भरके है.

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