नागराज से चाचा चौधरी तक…आज भी कॉमिक्स का दीवाना है ये आईपीएस, गिनाए पढ़ने के…

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नागराज से चाचा चौधरी तक…आज भी कॉमिक्स का दीवाना है ये आईपीएस, गिनाए पढ़ने के…
नागराज से चाचा चौधरी तक...आज भी कॉमिक्स का दीवाना है ये आईपीएस, गिनाए पढ़ने के फायदे

इस आईपीएस के पास है कॉमिक्स का खजाना

सुपर कमांडो ध्रुव, नागराज, चाचा चौधरी, डोगा, पिंकी, परमाणु और न जाने ऐसे कितने नाम जो हमारे, आपके, हमसब के जेहन में बचपन के दिनों में घूमते रहते थे. हम में से शायद ही कोई होगा, जिसने अपने बचपन के दिनों में कॉमिक्स को नहीं पढ़ा होगा. शायद ही कोई होगा जो कॉमिक्स पढ़ने के चक्कर में घर में पिटाई नहीं खाया होगा, लेकिन आज तकनीक के दौर में कॉमिक्स के बारे में लोग भूल चुके हैं. लेकिन पटना में एक ऐसा भी आईपीएस है, जिसके पास आज भी कॉमिक्स का खजाना है. वह आज भी खाली वक्त में कॉमिक्स को पढ़ते हैं.

इनके पास है कॉमिक्स का खजाना

दरअसल सिविल डिफेंस के पुलिस अधीक्षक सह सहायक निदेशक पंकज कुमार राज एक ऐसे आईपीएस हैं, जो खाली वक्त में मोबाइल या कंप्यूटर देखने के बजाय कॉमिक्स को पढ़ना पसंद करते हैं. इनके पास एक, दो, सौ, दौ सौ नहीं बल्कि करीब करीब 300 के आसपास कॉमिक्स आज भी सहेज के रखे हुए हैं. कुछ कॉमिक्स तो करीब 25 से 30 साल पुराने हैं. इन सभी को पंकज ने बहुत ही करीने से अलमारी और गोदरेज में सहेज कर रखा है.

शायद कॉमिक्स से ही मिली प्रेरणा

पंकज बताते हैं कि वह आईपीएस हैं और इसमें भी कहीं न कहीं कॉमिक्स का ही योगदान है. कॉमिक्स के कारण ही वह आईपीएस बनने में सफल हुए. दरअसल पंकज बताते हैं कि उन्हें शुरू से ही सुपर कमांडो ध्रुव नाम का कैरेक्टर बहुत पसंद था. कॉमिक्स की दुनिया में यह एक ऐसा कैरेक्टर था, जो केवल अपने दृढ़ निश्चय के दम पर तमाम बाधाओं को पार करके सफलता हासिल करता था. पंकज कहते हैं कि स्कूली दिनों में जब वह सुपर कमांडो ध्रुव की कॉमिक्स को पढ़ते थे तो उसकी विपरीत हालात से बाहर निकालने की खूबी को बहुत पसंद करते थे. सुपर कमांडो ध्रुव को एक दृढ़ निश्चय वाला हमारे और आपके बीच के जैसा ही इंसान दिखता था. उस दिन से ही मैंने भी अपने जीवन में कुछ बेहतर करने की ठानी और आज मैं आईपीएस हूं.

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खाली वक्त में पढ़ते हैं कॉमिक्स

नियम और अनुशासन के पक्के पंकज कहते हैं कि वह आज भी खाली वक्त में कंप्यूटर या मोबाइल को देखना पसंद नहीं करते हैं. खाली वक्त में वह कॉमिक्स को पढ़ते हैं. 25-30 साल पहले जैसे कॉमिक्स आज की तारीख में स्टॉल पर जल्दी नहीं मिलते हैं. चूंकि उनको पढ़ने का शौक है, इसलिए वह पेपर बैक संस्करण को आज भी मंगवाते हैं.

बनती है एकाग्रता

पंकज कहते हैं, मेरा मानना है कि कॉमिक्स के पढ़ने से एकाग्रता आती है. भाषाई शुद्धता बढ़ जाती है, साथ ही साथ एक पढ़ने में एक कंटिन्यूटी बनी रहती है. वह यह भी कहते हैं कि आज की तारीख में मोबाइल पर कई कॉमिक्स या किताबों के पीडीएफ एडिशन मौजूद हैं, लेकिन जब भी आप कंप्यूटर या मोबाइल पर पीडीएफ एडिशन पढ़ते हैं तो किसी न किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न हो जाती है. कभी कॉल आ आएगी तो कभी नोटिफिकेशन या मैसेज आ जाएगा. इससे एकाग्रता में कमी आती है, जबकि कॉमिक्स पढ़ने के दौरान ऐसा कुछ नहीं होता है.

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से दूर रहें बच्चे

पंकज कहते हैं, मैं चाहता हूं कि कोई भी बच्चा, जो मोबाइल या लैपटॉप या फिर कंप्यूटर पर अपना ज्यादातर वक्त गुजरता है, वह केवल अति आवश्यक होने पर ही इन गैजेट्स का इस्तेमाल करे. वह खुद कहते हैं कि मेरे दो बच्चे हैं और मैं कड़ाई से इस नियम का पालन अपने बच्चों के लिए करता हूं. मेरे बच्चे बहुत जरूरी होने पर ही मोबाइल या कंप्यूटर देखते हैं. खाली वक्त में मैं उनको खुद कॉमिक्स पढ़ने की बात कहता हूं. मौका मिलता है तो मैं खुद उनके साथ बैठकर कॉमिक्स पढ़ता हूं.

रह चुके हैं कई जिलों के एसपी

मूल रूप से लखीसराय जिले के रहने वाले पंकज कुमार राज 2006 बैच के आईपीएस हैं. पंकज कुमार राज ने हिंदी मीडियम से केवल ग्रेजुएशन करने के बाद आईपीएस बनने में सफलता हासिल की है. पंकज को न केवल कॉमिक्स पढ़ने का शौक है बल्कि वह बैडमिंटन में भी चैंपियन हैं. वह ऑल इंडिया पुलिस बैडमिंटन कंप्टीशन में बिहार टीम के कप्तान रह चुके हैं, साथ ही साथ वह बिहार ऑफिसर्स प्रतियोगिता में भी चैंपियन रह चुके हैं. पंकज कुमार राज की पहली पोस्टिंग एएसपी के रूप में बेतिया में हुई थी, जबकि वह राज्य के छपरा, सुपौल, मुंगेर, नवादा और सीतामढ़ी में एसपी भी रह चुके हैं.

अभिभावकों से अपील

पंकज कहते हैं, मैं उन तमाम बच्चों या पेरेंट्स को कहना चाहूंगा कि जब तक बहुत जरूरी न हो मोबाइल या कंप्यूटर न देखें. अभिभावकों से कहना चाहूंगा कि अपने बच्चों को पढ़ाने की लत लगाएं. अगर वह कॉमिक्स को पढ़ता है तो उस पर नाराज नहीं हों. कॉमिक्स या अन्य पत्रिकाओं के पढ़ने से उनके उच्चारण और भाषाई शुद्धता पर काफी पकड़ होगी.

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