आय अधिक संपत्ति मामले में गांजा तस्कर जीआरपी आरक्षको के…- भारत संपर्क
सतविंदर अरोरा
बंद कराने आए थे तवायफों के कोठे मगर, सिक्कों की खनक देखकर, खुद ही मुजरा कर बैठे। यह शेर जीआरपी के उन चार आरक्षकों पर बिल्कुल सटीक बैठती है जिनकी जिम्मेदारी तो ट्रेनों के माध्यम से होने वाले गांजा तस्करी को रोकना था, लेकिन इस काले कारोबार में मुनाफा देखकर ये चारों खुद गांजा तस्कर बन गए। जप्त गांजा में से अधिकांश हिस्से को ये खुद बेचने लगे लेकिन उनकी यह हरकत कब तक अंधेरे में रहती। बकरे की मां कब तक खैर मनाती ।जब ये पकड़े गए तो जेल जाने के साथ नौकरी से हाथ भी धोना पड़ा
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई ।
गांजा तस्करी के मामले में लिप्त पाए गए जीआरपी आरक्षक संतोष राठौड़, लक्ष्मण गाईन ,मन्नू प्रजापति और सौरभ कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की भी जांच हो रही है । जांच के लिए बिलासपुर और रायपुर की एसीबी की टीम ने इन आरक्षकों के ठिकाने पर रविवार को छापे मारे। बताया जा रहा है कि इस दौरान उनके घरों से लाखों रुपए के सोने चांदी के जेवरात, संपत्ति के कागजात हाथ लगे हैं, जिन्हें जप्त कर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल यह सभी वर्दीधारी भ्रष्टाचारी जेल में है लेकिन उनकी जांच चल रही है। बर्खास्तगी के बाद अब एसीबी द्वारा उनके संपत्तियों की जांच शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि जल्द ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में अघोषित संपत्तियों को जप्त किया जाएगा। इसके अलावा भी एंटी करप्शन ब्यूरो ने जनपद पंचायत बोरला कवर्धा के सहायक लेखा अधिकारी नरेंद्र कुमार रावतकर के ठिकाने पर भी छापा मारा है जिन पर पंचायत आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य की किस्त निकालने की एवज में एक लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप है।
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