गौतम अडानी को मिलेंगे ये 3 प्रोजेक्ट्स! पहले लेनी होगी 20…- भारत संपर्क

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गौतम अडानी को मिलेंगे ये 3 प्रोजेक्ट्स! पहले लेनी होगी 20…- भारत संपर्क

गौतम अडानी अपने कारोबार को विस्तार करने में जुटे हुए हैं. अब उनकी फ्लैगशिप कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज को 3 प्रोजेक्ट्स मिल सकते हैं. लेकिन ये उतना भी आसान नहीं होने वाला है. इसके लिए अडानी इंटरप्राइजेज को 20 कंपनियों के साथ मुकाबला करना होगा. अगर वो इन कंपनियों को पीछे छोड़ देती है तो ये तीन प्रोजेक्ट्स अडानी के हाथों में आ जाएंगे. अब सवाल ये है कि आखिर ये तीन प्रोजेक्ट्स हैं कौन से? जिसके लिए अडानी ग्रुप समेत 20 कंपनियां आपस में लड़ाई करने को तैयार हो गई हैं. आखिर अडानी इंटरप्राइजेज के अलावा और कौन-कौन कंपनियां हैं जो इन प्रोजेक्ट्स को हासिल करने के लिए जुट गई हैं.

इस कंपनी के हैं तीन प्रोजेक्ट्स

अडानी ग्रुप की अडानी इंटरप्राइजेज के अलावा 20 कंपनियों जिन प्रोजेक्ट्स पर दिलचस्पी दिखाई है, वो आईएलएंडएफएस के रोड असेट्स हैं. जिनका नाम झारखंड इन्फ्रास्ट्रक्चर इम्प्लीमेंटेशन, झारखंड रोड प्रोजेक्ट्स इम्प्लीमेंटेशन और बालेश्वर खड़गपुर एक्सप्रेसवे हैं. इन रोड असेट्स को हािसिल करने के लिए एडलवाइस फंड, ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स, जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर और कल्याण टोल ने भी अडानी के साथ आवेदन किया है. जानकारी के अनुसार इन तीनों प्रोजेक्ट्स के लिए कॉरपोरेट हाउस, इंफ्रा एंड रोड कंस्ट्रक्शन कंपनीज और फंड्स ने इन असेट्स में पर्सनली और ज्वाइंटली या दोनों तरह से दिलचस्पी दिखाई है.

तीनों प्रोजेक्ट्स पर हैं 3000 करोड़ रुपए का कर्ज

जानकारी के अनुसार आईएलएंडएफएस के इन तीनों प्रोजेक्ट्स पर 3 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. यही वो वजह है कि इन तीनों कंपनियों को आईएलएंडएफएस बेचने के लिए मजबूर है. आईएलएंडएफएस ने इन असेट्स से अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए रेजोल्यूशन प्रोसेस के तहत ईओआई मांगे थे. कंपनी को उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में असेट्स के लिए बिड मिल जाएंगे. वैसे एडलवाइस इन्फ्रास्ट्रक्चर यील्ड प्लस फंड के तहत हाइवे प्लेटफॉर्म एडलवाइसेज सेकुरा रोड्स ने अपना ईओआई सब्मिट कर दिया है. वैसे एडलवाइस की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है. अडानी, ओरिएंटल स्ट्रक्चरल और जीआर इन्फ्रास्ट्रक्चर ने भी बयान नहीं दिया है.

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कंपनी को नहीं मिली थी मंजूरी

आईएलएंडएफएस ने पहले इन तीनों असेट्स को इनविट यानी इंफ्रस्ट्रक्चर इंवेस्ट ट्रस्ट को ट्रांसफर करने की प्लानिंग बनसई थी. इसके लिए कंपनी को मंजूरी नहीं दी गई. जिसके बाद आईएलएंडएफएस को तीनों असेट्स को रेजोल्यूशन प्रोसेस के बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. कंपनी के प्रवक्ता के अनुसार, कंपनी को तीनों असेट्स जिसमें जेआईआईसीएल, जेआरपीसीएल और बीकेईएल शामिल है के काफी अच्छा रिस्पांस मिला है. कुछ कंपनियों ने तीनों को खरीदने के लिए आवेदन किया है तो कुछ दो और एक प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई है. पूरा प्रोसेस मौजूदा वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है.

कहां और कैसे ऑपरेट होते हैं ये प्रोजेक्ट्स

अगर बात बालेश्वर खड़गपुर एक्सप्रेसवे लिमिटेड की बात करें तो यह आईएलएंडएफएस की सहायक कंपनी आईटीएनएल पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. बालेश्वर खड़गपुर एक्सप्रेसवे लिमिटेड नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया टोल रियायत के तहत ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 477 लेन किलोमीटर हाई को ऑपरेट करने के साथ मैनेज करती है. आईटीएनएल की दूसरी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जेआईआईसीएल झारखंड सरकार से वार्षिक रियायत के तहत झारखंड में रांची रिंग रोड के सेक्शन VII के 160 लेन किलोमीटर को देखती है. इसी तरह जेआरपीआईसीएल झारखंड की पांच अलग-अलग हिस्सों में 664 लेन किलोमीटर की रोड असेट्स को मैनेज और ऑपरेट करती हैं.

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