Gaza Ceasefire: सीजफायर प्रस्ताव को लेकर क्या इजराइल की तरफ से ‘झूठ’ बोल रहा है… – भारत संपर्क

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Gaza Ceasefire: सीजफायर प्रस्ताव को लेकर क्या इजराइल की तरफ से ‘झूठ’ बोल रहा है… – भारत संपर्क
Gaza Ceasefire: सीजफायर प्रस्ताव को लेकर क्या इजराइल की तरफ से 'झूठ' बोल रहा है अमेरिका?

जो बाइडेन और नेतन्याहू

अमेरिका के युद्ध विराम प्रस्ताव को यूएनएससी (United Nations Security Council) में बिना विरोध के मंजूरी मिल गई. प्रस्ताव को पास हुए तीन दिन बीत गए हैं, लेकिन गाजा में इजराइल के हमले रुक नहीं पाए हैं. युद्ध विराम प्रस्ताव के बाद प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि इजराइल सीजफायर को स्वीकार कर चुका है और दुनिया को अब हमास के ऊपर प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाना चाहिए. हमास ने कुछ संशोधनों के साथ इस प्रस्ताव को मानने की बात कही है. इस बीच हमास ने एक नया स्टेटमेंट जारी कर सीजफायर प्रस्ताव को लेकर इजराइल के स्टैंड पर संशय जाहिर किया है और अमेरिका की नीयत पर भी सवाल उठाए हैं.

गाजा में सरकार चलाने वाले हमास ने गुरुवार को सीजफायर प्रस्ताव पर अपनी पूरी पॉजिटिविटी दिखाते हुए वाशिंगटन से इजराइल पर दबाव बनाने की मांग की है. हमास ने अपने बयान में कहा है कि अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन लगातार प्रस्ताव पर इजराइल की सहमति की बात कह रहे हैं, लेकिन हमने किसी भी इजराइली अधिकारी से इस बारे में बात करते नहीं सुना है. गाजा सीजफायर में इजराइले रुख पर संशय जाहिर करते हुए हमास ने एंटनी ब्लिंकन से इजराइल पर सीधे दबाव बनाने का आग्रह किया है.

दरअसल, अमेरिका कह रहा है कि प्रस्ताव इजराइल राजी हो गया है, अब हमास को होना है. लेकिन हमास कह रहा है कि हमने तो इजराइल की तरफ से अबतक इस पर कोई आधिकारिक बयान सुना ही नहीं है.

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अमेरिका का युद्ध विराम प्रस्ताव

गाजा में युद्ध विराम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 31 मई को प्रस्ताव लेकर आए थे. जिस पर अमेरिका का कहना था कि इजराइल ने इस प्रस्ताव को मान लिया है और गाजा में शांति के लिए अब हमारी नजर हमास पर है. UNSC में इस प्रस्ताव को 10 जून को पास किया गया . प्रस्ताव पास होने के बाद हमास ने इसका स्वागत किया और 12 जून को इसमें कुछ संशोधन की अपनी मांगों को मध्यस्थों के सामने रखा है. जिसके बाद बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा कि हमास की मांगों में कुछ ऐसी हैं जिन्हें माना जा सकता है लेकिन कुछ मांगों को नहीं. ब्लिंकन ने इस बारे में जानकारी नहीं दी थी कि वे कौन सी मांगे हैं कि जिनको अमेरिका मान रहा है और वे कौन सी जिनको नहीं.

इजराइल का नहीं आया कोई बयान

भले ही अमेरिका ने कई बार दोहराया है कि इजराइल सीजफायर प्रस्ताव को मान चुका है, लेकिन इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अभी तक इस पर कुछ भी खुलकर नहीं बोला है. इसके अलावा इस प्रस्ताव के बाद भी इजराइल सेना की आक्रामकता में कोई कमी नहीं आई है और गाजा में उसके हमले बा-दस्तूर जारी हैं.

दो दिन पहले ही उसने लेबनान में अटैक किया और हिज्बुल्लाह के एक बड़े कमांडर को ढेर कर दिया. इसके जवाब में 12 जून को लेबनान की तरफ से भी इजराइल पर रॉकेट दागे गए.

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