गाजी बहुत पाजी था… सैय्यद सलार मसूद की याद में मेला लगाने पर ओमप्रकाश राज… – भारत संपर्क

ओमप्रकाश राजभर.
उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सैय्यद सलार मसूद गाजी को अक्रांता बताते हुए विपक्ष पर निशाना साधा. ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सैय्यद सलार मसूद गाजी को सम्राट सुहेलदेव ने पराजित किया था. ओमप्रकाश राजभर ने गाजी को पाजी बताया और कहा कि गाजी बहुत पाजी था. उन्होंने उसके नाम पर मेला आयोजित किए जाने पर भी सवाल उठाया.
ओमप्रकाश राजभर युवा जागरूकता सम्मेलन में शामिल होने अंबेडकरनगर आए थे. इस दौरान मंच से अपने संबोधन में ओमप्रकाश राजभर ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को निशाने पर लिया. ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि पीडीए का मतलब होता है पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक, लेकिन अखिलेश के पीडीए का मतलब है परिवार डेवलपमेंट अथार्थी.
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर हमला करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अन्ना जानवर से किसानों की फसल नुकसान होने की बात अखिलेश यादव करते थे. जब सरकार ने अन्ना जानवरों के लिए गौशाला बनवा दिया तो अब दुर्गंध और सुगंध की बात कर रहे हैं. अखिलेश अब बारह साल और दुर्गंध की बात करें. ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश पिछड़ों के आरक्षण की बात नही करेंगे. रोजी-रोजगार, शिक्षा और नौकरी की बात नही करेंगे, केवल सुगंध और दुर्गंध की बात करेंगे.
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सम्राट सुहलदेव के नाम पर मेला लगाने की मांग
बहराइच में सैय्यद सलार मसूद गाजी के नाम पर लगने वाले मेले को लेकर जब सवाल किया गया तो ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि गाजी बहुत पाजी था. मेला ही लगाना हो तो सम्राट सुहेलदेव का लगे, डॉ आंबेडकर, छत्रपति शाहू जी महाराज, ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, सरदार पटेल और महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों का लगाना चाहिए.
ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश पर साधा निशाना
महाकुंभ में मृतकों को दिए जाने मुवाबजे को लेकर जब अखिलेश यादव के आरोपों के बारे पूछा गया कि सरकार ने मृतकों को 25 लाख देने की घोषणा की थी, लेकिन अब मृतकों को ढाई लाख रुपए ही दे रही है.
इस सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव झूठ बोल रहे हैं. हम अखिलेश यादव की बात थोड़े मानेंगे. हमसे जो जनता ने कहा उसे मानेंगे. सरकार ने जो वादा किया था उसे पूरा किया है. ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव तो हर बात का विरोध करते हैं. राम मंदिर बना तब भी विरोध कर रहे थे. जब महाकुंभ लगा तब भी विरोध कर रहे थे और बाद में जा कर ग्यारह डुबकी लगाए. अब ग्यारह डुबकी क्यों लगाए ये तो वही जाने.