बंटवारे की जंग में हार गई ‘गोदरेज’, 127 साल पहले ऐसे पड़ी थी…- भारत संपर्क
भारत में आज दर्जनों ऐसी कंपनियां हैं, जिसकी कहानियां लोगों को मोटिवेट करती है. खासकर उन नए एंटरप्रेन्योर्स को जो कार्पोरेट जगत में कुछ बड़ा करना चाहते हैं. उन्हें ऐसी कंपनियों से टीम, घर और पार्टनर्स को कैसे एक साथ लेकर चलना है, इसकी सीख मिलती है. आज ऐसी सीख देने वाली एक बड़ी कंपनी उन आदर्श कंपनियों की लिस्ट से बाहर हो गई, जिसके एक साथ रहने की मिसाल दी जाती थी.
19 अप्रैल की सुबह एक ऐसी खबर आई जिसने सबको हैरान कर दिया है. गोदरेज परिवार ने एक-दूसरे की कंपनियों के बोर्ड से बाहर निकलकर एक सदी से भी अधिक समय पहले स्थापित समूह का औपचारिक विभाजन शुरू कर दिया और कहा कि जल्द ही उनमें हिस्सेदारी भी बेच दी जाएगी. चलिए आज की स्टोरी में इस कंपनी के बनने से बंटवारे तक की कहानी पर एक नजर डालते हैं. साथ में यह समझने की कोशिश भी करेंगे कि ग्रुप का कारोबार कितना बड़ा है.
127 साल पुरानी है कहानी
देश के दिग्गज कारोबारी घरानो की जब भी बात आती है तो अंबानी, टाटा, बिड़ला, गोदरेज के नाम लिए जाते हैं. खासकर जब गोदरेज ग्रुप का नाम लिया जाता है तब दिमाग सबसे पहले ताले पर जाता है. अब खबर आ रही है कि 127 साल पुराने गोदरेज ग्रुप का बंटवारा शुरू हो गया है. कार्पोरेट्स का बंटवारा इसलिए भी खास होता है, क्योंकि इसमें उस घराने के साथ-साथ कईयों का भविष्य भी जुड़ा होता है, और सबसे खास बात है कि दिग्गज कारोबारी घरानों के बंटवारे में कई पेंच होते हैं. अगर आपको मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी का बंटवारा याद हो तो आप इसे आसानी से समझ पाएंगे.
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क्या है अभी अपडेट?
रिपोर्ट के मुताबिक, आदि और नादिर गोदरेज ने इस साल की शुरुआत में गोदरेज एंड बॉयस के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया, जबकि जमशेद गोदरेज ने जीसीपीएल और गोदरेज प्रॉपर्टीज के बोर्ड से अपनी सीट छोड़ दी है. बिना किसी वाद-विवाद के इस विभाजन को दोनों परिवार ने मंजूरी दी, जिसमें एक तरफ आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर गोदरेज हैं और दूसरी तरफ उनके चचेरे भाई जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा हैं. बाद वाले दो भाई-बहन हैं.
कैसे बंटा है बिजनेस?
फिलहाल गोदरेज परिवार में दो ग्रुप हैं. गोदरेज इंडस्ट्रीज एंड एसोसिएट्स, जिसका नेतृत्व आदि गोदरेज और उनके भाई करते हैं. और दूसरा है गोदरेज एंड बॉयस (जी एंड बी), जिसका नेतृत्व जमशेद गोदरेज और उनकी बहन करते हैं. आदि और नादिर गोदरेज गोदरेज एंड बॉयस में अपनी हिस्सेदारी दूसरी शाखा में बेच देंगे. जमशेद गोदरेज और उनका परिवार एक पारिवारिक व्यवस्था के माध्यम से गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (जीसीपीएल) और गोदरेज प्रॉपर्टीज में हितों को अपने चचेरे भाइयों को ट्रांसफर करेगा.
कितना बड़ा है ग्रुप?
गोदरेज ग्रुप के पास मौजूदा समय में 5 लिस्टेड कंपनियां है. इनमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोजरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज एग्रोवेट, गोदरेज प्रॉपर्टीज और लाइफसाइंसेज शामिल है. अभी इस ग्रुप की टोटल वैल्यू 2.34 लाख करोड़ रुपए है.
परिवार के पांच मेंबर्स आदि गोदरेज, नादिर गोदरेज, जमशेद गोदरेज, स्मिता कृष्णा गोदरेज और रिशद गोदरेज की G&B में प्रत्येक के पास 15.3% हिस्सेदारी है, जबकि पिरोजशा गोदरेज फाउंडेशन के पास लगभग 23% हिस्सेदारी है. रिशद गोदरेज एक और चचेरे भाई हैं. निजी तौर पर आयोजित G&B अन्य सेक्टर्स के अलावा इक्विपमेंट, कंस्ट्रक्शन, सटीक इंजीनियरिंग, फर्नीचर रिटेल बिक्री और एयरोस्पेस में कारोबार करती है.
कंपनी की पिछले साल हुई थी इतनी कमाई
G&B ने FY23 में 117 करोड़ रुपए के नेट प्रॉफिट के साथ 14,796 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया था. 31 मार्च 2023 तक कंपनी के पास 8,596 करोड़ रुपए का निवेश और 561 करोड़ रुपए कैश था. इसके अलावा, कंपनी के पास जीसीपीएल में 7.33% हिस्सेदारी और गोदरेज प्रॉपर्टीज में 3.83% हिस्सेदारी है, जिसका ज्वाइंट एसेसमेंट 9,089 करोड़ रुपए है. यह डेटा आपको 19 अप्रैल तक की बताई गई है. जीसीपीएल लिस्टेड कंपनियों में सबसे बड़ी है, जिसका मार्केट कैप 18 अप्रैल 2024 तक 1.20 लाख करोड़ रुपए था.
गोदरेज इंडस्ट्रीज की जीसीपीएल में भी हिस्सेदारी
गोदरेज इंडस्ट्रीज की जीसीपीएल में 23.74% हिस्सेदारी है, जबकि जीएंडबी और गोदरेज सीड्स और जेनेटिक्स के पास क्रमशः 7.33% और 27.42% हिस्सेदारी है. गोदरेज सीड्स एंड जेनेटिक्स एक निजी तौर पर आयोजित कंपनी है जिसके निदेशक तान्या अरविंद दुबाश, स्मिता गोदरेज कृष्णा और निसाबा गोदरेज हैं. गोदरेज इंडस्ट्रीज कंज्यूमर बेस्ड प्रोडक्ट, कृषि, रियल एस्टेट, केमिकल और फाइनेंस सर्विस में रुचि रखने वाली एक होल्डिंग कंपनी है, और नए बिजनेसेस के लिए इनक्यूबेटर के रूप में भी काम करती है.
एक साल में दोगुने हुए शेयर प्राइस
जीसीपीएल में अपनी हिस्सेदारी के अलावा, गोदरेज एग्रोवेट में इसकी 64.88% और गोदरेज प्रॉपर्टीज में 47.34% हिस्सेदारी है. गोदरेज इंडस्ट्रीज की प्रमोटर हिस्सेदारी परिवार के 28 सदस्यों के बीच विभाजित है. सबसे अधिक रिशद नौरोजी के पास 12.65%, और जमशेद गोदरेज और नायरिका होलकर के पास क्रमशः 9.34% और 8.01% है. पिछले तीन वर्षों में प्रमोटरों ने गोदरेज इंडस्ट्रीज में अपनी हिस्सेदारी लगभग 3% बढ़ा दी है. गोदरेज प्रॉपर्टीज और गोदरेज इंडस्ट्रीज के शेयर पिछले वर्ष में लगभग दोगुने हो गए हैं, जबकि जीसीपीएल और गोदरेज एग्रोवेट में क्रमशः 21% और 26% की वृद्धि हुई है.
बता दें कि इस ग्रुप की स्थापना साल 1897 में अर्देशिर गोदरेज और पिरोजशा बुर्जोरजी गोदरेज द्वारा की गई थी. उसके ठीक 127 साल बाद आज यह ग्रुप दो फाड़ में विभाजित होने जा रहा है.