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दिवाली व छठ मनाने गृहग्राम जाना साबित हो रहा सिरदर्द, त्योहारी सीजन में ट्रेनों में बढ़ी रेलम पेल, ट्रेनों में बनी है लंबी वेटिंग
कोरबा। त्योहारी सीजन से पहले यात्री ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। लंबी दूरी की ट्रेनों में सीटें खाली नहीं है। ऐसे में जिले के सार्वजनिक व निजी कंपनियों में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों को दिवाली व छठ महापर्व पर घर जाने के लिए आरक्षित टिकट के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है।आरक्षित टिकट काउंटर में भी यात्रियों की लंबी कतार लग रही है। सबसे अधिक वेटिंग बिहार, यूपी, झारखंड, दिल्ली, कोलकाता, महाराष्ट्र, गुजरात सहित अन्य क्षेत्रों के प्रांतों की ओर जाने वाली ट्रेनों में है।बिहार की ओर जाने वाली यात्री ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची 120 से अधिक हो गई है। वहीं छठ महापर्व के तीन से चार दिनों के भीतर भी आरक्षित टिकट नहीं मिल रही है। यात्रियों को मजबूरी में प्रतीक्षा सूची लेकर कन्फर्म होने का इंतजार करना पड़ रहा है। जिले के विभिन्न सार्वजनिक व निजी कंपनी व संस्थानों में विभिन्न प्रांतों के लोग कार्यरत हैं।दिवाली से पहले यात्री ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। स्लीपर व एसी बोगी में सफर के लिए सीटें नहीं मिल रही है। प्रतीक्षा सूची 120 के पार पहुंच गई है। यही स्थिति छठ महापर्व तक बनी हुई है। इस कारण पर्व पर घर जाने को लेकर यात्रियों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।नवंबर के पहले हफ्ते में छठ महापर्व है। लेकिन इसके पहले ही रेल गाड़ियों में आरक्षित सीटें नहीं मिल रही हैं। इससे पर्व में घर जाने वाले लोग परेशान हैं। लोग अभी से अपनी व्यवस्था देख रहे हैं। छठ से तीन चार दिन पहले घर जाने के लिए लोग कोरबा बस स्टैंड भी पहुंच रहे हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर जाने वाली बसों में अपना सीट पहले से आरक्षित करवा रहे हैं। इसके लिए बसों के एजेंट से सम्पर्क कर रहे हैं। त्योहारी सीजन में ट्रेनों में भीड़ का फायदा ट्रेवल्स एजेंसियां उठा रही हैं। समय और स्थिति अनुसार यात्रियों से निर्धारित किराया से अधिक ले रही हैं। साथ ही आरक्षित टिकट देने का दावा कर रहे हैं। इस कारण यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। मजबूरी में उन्हें अधिक रुपए देना पड़ रहा है।इधर, रेलवे बोर्ड दिवाली और छठ महापर्व पर पूजा स्पेशल ट्रेनों को चलाने जा रहा है। इसमें से कुछ रेल गाड़ियां बिलासपुर- रायपुर होकर होकर गुजरेंगी। लेकिन बिलासपुर जोन मुख्यालय या रायपुर मंडल से एक भी गाड़ियां बनकर नहीं चल रही हैं। इससे छत्तीसगढ़ के यात्रियों का इन गाड़ियों में सीट मिल पाना मुश्किल है।