Google accused of interference in us elections support leftist parties | अमेरिकी… – भारत संपर्क

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Google accused of interference in us elections support leftist parties | अमेरिकी… – भारत संपर्क
अमेरिकी चुनाव से पहले फिर निकला गूगल का जिन्न, कंपनी पर लगा बड़ा आरोप

जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका में इस साल होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी पारा चरम पर पहुंच चुका है. निक्की हेली के इस रेस से बाहर हो जाने के बाद रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. अमेरिका में चुनाव की सरगर्मी के बीच गूगल पर बड़ा आरोप लगा है.

आरोप है कि गूगल ने अमेरिका के चुनाव को एक बार नहीं बल्कि कई बार प्रभावित करने की कोशिश की. भारत के लिए ये खबर इसलिए अहम है क्योंकि भारत में हर 5 में से 4 इंटरनेट यूजर्स गूगल का किसी ना किसी रूप में इस्तेमाल करता है. ऐसे में सवाल ये है क्या गूगल पर जिस तरह से अमेरिका के चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगा है, वो खतरा भारत के चुनावों में भी है.

रिपोर्ट में गूगल पर क्या लगाए गए आरोप

अमेरिक में Fox News ने Media Research Center की स्टडी के आधार पर दावा किया है कि टेक कंपनी गूगल ने पिछले 16 वर्षों में 41 बार अमेरिकी चुनावों में दखल दिया है और उसे प्रभावित करने की कोशिश की है. इसमें कहा गया है कि पिछले कुछ चुनावों में गूगल का प्रभाव तेजी से बढ़ा है, ये अमेरिका के लोकतंत्र के लिए हानिकारक है.

  • गूगल ने अपने पसंद के उम्मीदवारों को मदद की, खास कर ऐसे उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचाया जो लेफ्ट विंग के विरोधी थे यानी जो उम्मीदवार वामपंथ की विचारधारा के विरोध में थे. ऐसे उम्मीदवारों को हराने की कोशिश की गई.
  • अपनी स्टडी में MRC का एक और बड़ा दावा है. खुद गूगल के अधिकारियों ने ये माना है कि गूगल ने वामपंथी विचारधार को बढ़ाने के लिए अपनी पहुंच और संसाधनों का इस्तेमाल किया.
  • 2008 से ही गूगल उदारवादी या वामपंथ समर्थक विचारधारा के लिए काम कर रहा है और 2016 में डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद ये काम और मजबूती से किया जा रहा है.
  • मीडिया रिसर्च सेंटर ने अपने दावे पर कुछ उदाहरण भी दिए. जैसे गूगल ने 2008 में जॉन मैक्केन के मुकाबले बराक ओबामा का पक्ष लिया. 2012 में फिर से मिट रोमनी के मुकाबले बराक ओबामा का पक्ष लिया. 2016 में हिलेरी क्लिंटन को नुकसान से बचाने के लिए गूगल ने अपने एल्गोरिदम से ऑटो फिल रिजल्ट को हटा दिया. जबकि ट्रंप और बर्नी सेडर्स के साथ ऐसा नहीं किया गया.

एलन मस्क ने भी लगाए आरोप

गूगल पर लगे आरोपों पर अमेरिका के बड़े कारोबारी एलन मस्क भी सक्रिय हुए हैं. उन्होंने X पर पोस्ट किया कि Google हर चुनावी मौसम में डेमोक्रेट्स की मदद के लिए हजारों बार हस्तक्षेप करता है! ये तब अपेक्षित है जब उनकी सेंसरशिप टीमें बहुत वामपंथी राजनीतिक विचार रखती हैं.

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गूगल ने रिपोर्ट को मानने से किया इनकार

गूगल ने Fox News की रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया है. गूगल ने कहा है कि
इस रिपोर्ट में कुछ भी नया नहीं है. पुराने, निराधार और गलत शिकायतों को फिर से जमा किया गया है. ये आरोप अदालतों में साबित होने में विफल रहे हैं. नेता ऐसे दावे करते हैं लेकिन हम अपने प्लेटफॉर्म को पक्षपाती या गलत बनाने की कोई इच्छा नहीं रखते हैं.

सोशल मीडिया पर नजर रखेगा चुनाव आयोग

चुनाव आयोग राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के सोशल मीडिया प्रचार पर भी निगरानी रखेगा. सोशल मीडिया को भी आदर्श आचार संहिता के दायरे में लाया गया है. इसके साथ ही फेसबुक-गूगल जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की भी चुनाव को देखते हुए कंटेंट की निगरानी की जाएगी.

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