Digital Ads से पैसा कमाने वाली Google और मेटा छापेंगी नोट,फाइनेंस बिल 2025 में… – भारत संपर्क


Sundar Pichai, Mark Zuckerberg
भारत सरकार ने फाइनेंस बिल 2025 में एक जरूरी संशोधन किया है. जिसमें Digital Ads से पैसा कमाने वाली ग्लोबल कंपनियों जैसे Google और Meta पर टैक्स का बोझ कम कर दिया गया है. इस संशोधन में सबसे बड़ी खबर ये है कि 6% Equalisation Levy को हटा दिया गया है. जिसका सीधा फायदा इन कंपनियों को होने वाला है. आइए, समझते हैं कि ये संशोधन क्या है, ये इतना जरूरी क्यों है, और कैसे इससे इन डिजिटल कंपनियों को फायदा मिलेगा.
Equalisation Levy क्या था?
Equalisation Levy एक तरह का टैक्स था, जिसे भारत सरकार ने 2016 में पेश किया था. ये टैक्स विदेशी डिजिटल कंपनियों पर लगाया जाता था. जो भारतीय यूजर्स को डिजिटल सर्विसेस (जैसे एड्स, ऑनलाइन शॉपिंग, क्लाउड सर्विसेस) ऑफर करती थीं. इसका मेन मोटीव ये था कि इन कंपनियों पर उसी तरह से टैक्स लगाया जाए जैसे भारतीय कंपनियों पर लोकल लेवल पर लगाया जाता है.
6% Equalisation Levy के जरिए विदेशी कंपनियां जो Google, Meta, Amazon भारतीय एडवर्टाइजर्स से डिजिटल एड्स के जरिए पैसा कमाती थीं. उन कंपनियों पर ये 6% टैक्स लगाया जाता था. ये सीधे तौर पर इसलिए लगाया था कि इन कंपनियों को भारतीय टैक्स सिस्टम में लाया जाए और भारत में उनके द्वारा किए गए कारोबार पर टैक्स लगाया जाए.
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कैसे होगा इन कंपनियों को फायदा?
- इस संशोधन के बाद, इन कंपनियों को अब भारत में अपनी डिजिटल सर्विसेस से होने वाली इनकम पर कम टैक्स देना होगा. इससे उनका कुल टैक्स बिल कम होगा और वे अपनी इनकम का ज्यादा हिस्सा अपने इन्वेस्टमेंट या ग्रोथ के लिए यूज कर सकेंगी.
- टैक्स की कमी से इन कंपनियों को अपने भारतीय ऑपरेशंस को और बढ़ाने का मौका मिलेगा. वे अब अपनी सर्विसेस की कीमतों में और ज्यादा फ्लैक्सिबिलिटी ला सकती हैं. इसके अलावा भारतीय मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत कर सकती हैं.
- पहले Equalisation Levy के वजह से विदेशी कंपनियों को कुछ हद तक नुकसान होता था. लोकल कंपनियों को कंपटीशन से फायदा मिलता था. अब जब टैक्स में कमी की गई है, तो विदेशी कंपनियां अपनी सर्विसेस को बेहतर तरीके से पेश कर पाएंगी. ये भारतीय डिजिटल मार्केट के लिए एक बड़ा बदलाव हो सकता है.
- इन कंपनियों का भारतीय बाजार में इन्वेस्टमेंट बढ़ सकता है. इससे डिजिटल एड्स, ई-कॉमर्स, और बाकी सेक्टर्स में ज्यादा इन्वेस्टमेंट और ग्रोथ देखने को मिल सकती है, जिससे भारतीय इकोनॉमी को भी फायदा होगा.