टूरिज्म सेक्टर के बेहतर भविष्य के लिए सरकार करेगी ये काम,…- भारत संपर्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को हासिल करने के लिए टूरिज्म सेंटर के विकास पर जोर दिया. बजट में लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज किया गया है. उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये पूंजीगत खर्च 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है, वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत कर दिया है. कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया गया है. आइए समझते हैं कि टूरिज्म सेक्टर के लिए बजट में क्या है?
खास तरह के टूरिज्म सेंटर पर होगी फोकस
निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों को खास तरह के टूरिज्म सेंटर के विकास, वैश्विक स्तर पर उनकी ब्रांडिंग और प्रचार के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे जुड़े विकास कार्यों के फाइनेंस के लिए राज्यों को लंबी अवधि के ब्याज मुक्त लोन उपलब्ध कराए जाएंगे. इन सेंटर के विकास को बढ़ावा देने के क्रम में टूरिज्म सेंटर की रेटिंग के लिए एक रूपरेखा तय की जाएगी, जो सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता पर आधारित होगी.
लक्षद्वीप का वित्त मंत्री ने किया जिक्र
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत का मध्यम वर्ग भी अब यात्रा और नए स्थलों की खोज का आकांक्षी है और पर्यटन में स्थानीय उद्यमशीलता के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं. इसमें आध्यात्मिक पर्यटन भी शामिल है. उन्होंने कहा कि घरेलू टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लक्षद्वीप सहित विभिन्न द्वीपों पर बंदरगाह संपर्क और सुविधाओं से जुड़ी परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है. इससे रोजगार पैदा करने में सहायता मिलेगी.
घरेलू टूरिज्म को बढ़ावा
घरेलू टूरिज्म के अलावा भारत की विविधता भी वैश्विक टूरिज्म को आकर्षित करती है. इस संबंध में निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि 60 स्थानों पर जी-20 बैठकों के सफल आयोजन से वैश्विक टूरिज्म के सामने भारत की विविधता प्रदर्शित हुई है. साथ ही भारत की आर्थिक क्षमताओं ने इसे व्यवसाय और सम्मेलनों से जुड़े टूरिज्म के लिहाज से एक आकर्षक स्थल बना दिया है.