सरकार बाजार से उठाएगी 7.5 लाख करोड़ का कर्ज, केवल ग्रीन…- भारत संपर्क
सरकार ने वित्त वर्ष की पहली छमाही में 7.5 लाख करोड़ का कर्ज उठाने की प्लानिंग कर रही है.
केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में 7.50 लाख करोड़ रुपए का कर्ज जुटाने की तैयारी कर रही है. जोकि पूरे वित्त वर्ष के कुल टारगेट का 53 फीसदी है. ये पैसा फाइनेंस मिनिस्ट्री भी जुटाएगी. रिपोर्ट के अनुसार 7.50 लाख करोड़ रुपए का कर्ज 26 वीकली ऑक्शंस पूरा किया जाएगा. चालू वित्त वर्ष में सरकार की कुल 14.13 लाख करोड़ रुपए उधार लेने की योजना है. इसके अलावा, केंद्र ने 15 साल की अवधि की एक नई डेटिड सिक्योरिटी भी पेश की है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से किस तरह से प्लानिंग की गई है.
पहले 6 महीने में 7.5 लाख करोड़ का कर्ज
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि केंद्र वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-सितंबर के दौरान बाजार से 7.5 लाख करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रहा है. इसका मकसद आर्थिक वृद्धि को गति देने के साथ राजस्व अंतर को पाटना है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बाजार से 14.13 लाख करोड़ रुपए की उधारी का अनुमान है. इसमें 7.5 लाख करोड़ रुपए यानी 53 प्रतिशत राशि पहली छमाही में जुटाई जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में राजस्व अंतर को पूरा करने के लिए प्रतिभूतियों के जरिये 14.13 लाख करोड़ रुपए जुटाने का प्रस्ताव किया है. सरकार 7.50 लाख करोड़ रुपए के कर्ज को 26 वीकली ऑक्शंंस के माध्यम से पूरा करेगी.
बजट में दी थी जानकारी
यह 2023-24 के लिए सकल उधारी अनुमान 15.43 लाख करोड़ रुपए से कम है. वैसे यह अबतक की सर्वाधिक राशि थी. उन्होंने कहा था कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिए सकल और शुद्ध बाजार कर्ज क्रमश: 14.13 लाख करोड़ रुपए और 11.75 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा था कि वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले दोनों उससे कम होंगे. अब जब निजी निवेश बढ़ रहा है, ऐसे में केंद्र सरकार की कम उधारी से निजी क्षेत्र के लिए लोन उपलब्धता बढ़ेगी. सरकार के बड़े पैमाने पर पूंजीगत व्यय के कारण इस्पात और सीमेंट क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं.
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12 हजार करोड़ के ग्रीन बॉन्ड
वहीं दूसरी ओर इस कर्ज में 12 हजार करोड़ रुपए के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड भी शामिल किए गए हैं. ये ग्रीन दो किश्तों में जारी किए जाएंगे. जिनका टेन्योर 10 साल के लिए होगा. फाइनेंस मिनिस्ट्री के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सलाह से वित्त वर्ष की पहली छमाही में 12 हजार करोड़ रुपए के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करेगी. मंत्रालय ने यह भी नोटिफाई किया है कि ऑक्शंस नोटिफिकेशंस में लिस्टिड हरेक सिक्योरिटी के संबंध में, वह ग्रीनशू ऑप्शन का उपयोग करने का अपना अधिकार बनाए रखेगा और 2,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त सदस्यता बनाए रखेगा.