GST 2.0 से भरेगी आम आदमी की जेब, नए बदलाव से हर साल बचेंगे…- भारत संपर्क

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GST 2.0 से भरेगी आम आदमी की जेब, नए बदलाव से हर साल बचेंगे…- भारत संपर्क
GST 2.0 से भरेगी आम आदमी की जेब, नए बदलाव से हर साल बचेंगे 42380 रुपए, समझें पूरा गणित

कुछ चीज़ों पर GST को घटाकर किया गया है 0%

मोदी सरकार ने आम आदमी को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है. बजट में इनकम टैक्स में छूट के बाद अब सरकार ने जीएसटी स्लैब में बड़ा बदलाव किया है. जीएसटी काउंसिल ने काफी वक्त से चले आ रहे 4 टैक्स स्लैब को मिनिमाइज कर दो टैक्स स्लैब में बदल दिया है. पहले सामान पर 5, 12, 18 और 28 फीसदी का जीएसटी लगा करता था, उसे अब केवल 5 और 18 फीसदी का ही GST लगेगा. इसके साथ ही एक स्पेशल स्लैब 40 फीसदी का भी रखा गया है लेकिन उसमें केवल सिन गुड्स, लग्जरी गुड्स और हानिकारक आइटाइम्स को रखा गया है. ऐसे में ये जानने की जरूरत है कि आम आदमी पर इस बदलाव का क्या असर पड़ेगा और उनके पास कितने रुपए की बचत होगी?

राजेश दिल्ली की एक प्राइवेट फर्म में काम करते हैं और उन्हें वहां से 80 हजार रुपए की सैलरी मिलती है. इन पैसों से ही वो अपना परिवार (राजेश, वाइफ और दो बच्चे) चलाते हैं. राजेश इसमें से 10 हजार रुपए मकान के किराए में दे देते हैं. जबकि घर में इस्तेमाल होने वाली ग्रोसरी पर 20 हजार रुपए खर्च करते हैं. अच्छी बात ये है कि जीएसटी में जो बदलाव किए गए हैं, उसमें रोजमर्रा की जरूरत की ज्यादातर वस्तुएं 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी के दायरे में ला दी गई हैं.

ग्रोसरी के बास्केट में और होंगे आइटम

राजेश अपने परिवार के ऊपर ग्रोसरी पर 20,000 रुपए खर्च करते हैं. पहले ग्रोसरी आइटम्स पर जीएसटी 12 प्रतिशत लगता था. इसे ऐसे समझिए कि पहले 100 रुपए का सामान जीएसटी लगने के बाद 112 हो जाता था जबकि अब 5 प्रतिशत जीएसटी के बाद वही सामान अब 105 रुपए में मिलेगा. ऐसे में 100 रुपए पर सीधे 7 रुपए का फायदा होगा. ऐसे में राजेश को एक महीने में सीधे तौर पर 1400 रुपए का फायदा होगा और अगर पूरे साल की बात करें तो एक साल में राजेश ग्रोसरी पर अब 16,800 रुपए बचा सकेंगे.

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रेस्तरां में खाना खाना भी होगा सस्ता

रेस्तरां में खाने पीने की चीजों पर अब 18 प्रतिशत की जगह पर 5 प्रतिशत ही जीएसटी लगेगा. ऐसे में अगर राजेश एक महीने में रेस्तरां में अपने परिवार के साथ 5000 रुपए का भोजन करते हैं तो उन्हें सीधे तौर पर 650 रुपए का फायदा होगा. ऐसे में राजेश अब पूरे साल में 7800 रुपए बचा पाएंगे. इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि रेस्टोरेंट इंडस्ट्री जो महंगे टैक्स की वजह से घटती डिमांड से जूझ रही थी उसे फिर से रफ्तार मिल सकेगी.

फिल्म टिकट और पॉपकार्न पर बदले नियम

सरकार के नए जीएसटी स्लैब के बाद सिंगल-स्क्रीन थिएटरों में सिनेमा देखना सस्ता हो जाएगा. दरअसल 100 रुपये तक या उससे कम कीमत वाले टिकट पर पहले 12% टैक्स लगता था लेकिन नए जीएसटी स्लैब में इसे घटाकर 5% ITC के साथ GST कर दिया गया है जबकि 100 रुपये से ज़्यादा कीमत वाले टिकटों पर किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. पीवीआर में फिल्म देखने पर अभी भी 18% ITC के साथ GST लगता रहेगा.

पिछले साल जब जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी तब केंद्र सरकार ने पॉपकॉर्न पर तीन कैटेगरी में अलग-अलग टैक्स लगाया था, जिसके कारण काफी ज्यादा कंफ्यूजन था. इस बार मंत्रालय ने पॉपकॉर्न के टैक्स पर से कन्फ्यूजन दूर कर दिया है. नमक वाले पैकेट, लेबल वाले पॉपकॉर्न पर अब 12 फीसदी जीएसटी की जगह पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. ऐसे में राजेश अगर अपने परिवार के साथ महीने में 2000 रुपए खर्च करता है तो सीधे तौर पर 140 रुपए का फायदा होगा. ऐसे में पूरे साल 1680 रुपए का फायदा होगा.

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घूमना और फ्लाइट से सफर करना भी होगा आसान

नए जीएसटी स्लैब के बाद अब आप अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिता पाएंगे और देश दुनिया की सैर कर सकेंगे. नए जीएसटी स्लैब के बाद हवाई यात्रा को भी कम करों का लाभ मिलेगा. नई व्यवस्था में इकोनॉमी क्लास के टिकट में अब 12 प्रतिशत की जगह पर 5 प्रतिशत का जीएसटी लगेगा. वहीं बिजनेस क्लास के टिकट में 18% की जगह 12% टैक्स लगेगा. ऐसे में अगर राजेश साल में एक बार अपने परिवार के साथ घूमने जाते हैं और 50 हजार रुपए खर्च करते हैं तो सीधे तौर पर 3500 रुपए का फायदा होगा.

कपड़े खरीदने के लिए त्योहार का नहीं करना होगा इंतजार

सरकार के नए जीएसटी स्लैब के बाद कपड़े भी खरीदना सस्ता हो जाएगा. पहले कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था जिसे घटाकर अब 5 प्रतिशत कर दिया गया है. ऐसे में अगर राजेश हर दो महीने में अपने और परिवार के ऊपर कपड़ों पर 20 हजार रुपए खर्च करें तो उन्हें इस पर 1400 रुपए का फायदा होगा. ऐसे में हर दो महीने के हिसाब से उन्हें 8400 रुपए का फायदा होगा. नए बदलाव के तहत 2500 रुपए तक के जूते-चप्पल को 5 प्रतिशत टैक्स के दायरे में आएंगे. पहले 1000 रुपए तक के सामान पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता था जबकि उसके ऊपर के सामान पर 12 प्रतिशत टैक्स लगता था.

दवाइयों पर भी कम करना होगा खर्च

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में दवाओं पर भी बड़ा फैसला लिया गया. बैठक में अब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो टैक्स स्लैब को मंजूरी दी गई है. यही नहीं 33 जीवन रक्षक दवाओं पर पहले लागू 12% जीएसटी को हटाकर जीरो कर दिया गया है. कैंसर दवाओं पर जीएसटी जीरो किया गया है. ऐसे में अगर राजेश अगर परिवार पर हर महीने 5 हजार रुपए खर्च करता है तो हर महीने सीधे तौर पर 350 रुपए का फायदा होगा. ऐसे में पूरे साल की बात करें तो दवा से 4200 का फायदा होगा. ये सभी वो खर्चे हैं, जिन्हें एक आम परिवार करता है. ऐसे में नए जीएसटी बदलाव के बाद ऐसे परिवार को बड़ी राहत मिलती दिख रही है. पूरे साल में होने वाली बचत को जोड़ा जाए तो करीब 42,380 रुपए की सीधे तौर पर बचत हो सकती है.

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