Happy Birthday Mukesh Ambani: एशिया का सबसे अमीर आदमी बनना…- भारत संपर्क

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Happy Birthday Mukesh Ambani: एशिया का सबसे अमीर आदमी बनना…- भारत संपर्क
Happy Birthday Mukesh Ambani: एशिया का सबसे अमीर आदमी बनना नहीं था आसान, मुकेश अंबानी ने ऐसे किया कमाल

मुकेश अंबानी अपने पिता और भाई के साथ (Photo : Indiahistorypic Twitter)

एशिया के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी का आज जन्मदिन है और वह 66 साल के हो गए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके लिए इस मुकाम तक पहुंचना बिलकुल भी आसान नहीं था. इतना ही नहीं पिता धीरूभाई अंबानी से विरासत में मिली रिलायंस इंडस्ट्रीज को आज उन्होंने पूरी तरह बदलकर रख दिया है और अब वह एक फ्यूचर कंपनी बन चुकी है. चलिए नजर डालते हैं उनकी इस जर्नी पर…

मुकेश अंबानी ने 18 साल की उम्र में ही अपने पिता के साथ रिलायंस ग्रुप में काम करना शुरू कर दिया था. वह 1981 से रिलायंस इंडस्ट्रीज में अहम जिम्मेदारियां सभाल रहे हैं. सबसे बड़ी बात आज उनकी कंपनी का जो नाम है ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज’ ये खुद उसे 1985 में नसीब हुआ था. मुकेश अंबानी के बारे में एक बात कही जाती है, वह हमेशा आने वाले दशक में क्या चलेगा, उस हिसाब से बिजनेस की योजनाएं बनाते हैं. यही बात उनके मौजूदा निर्णयों में भी देखी जा सकती है.

बदला रिलायंस के कामकाज का तरीका

दरअसल मुकेश अंबानी के रिलायंस को जॉइन करने से पहले उनके पिता अधिकतर कारोबार टेक्सटाइल और केमिकल्स में करते थे. मुकेश का मानना था कि अगर उन्हें बड़ी कंपनी बनना है तो सिर्फ इन दो सेक्टर में बिजनेस करने से बात नहीं बनेगी. केमिकल इंजीनियरिंग में बेचलर और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ड्रॉपआउट मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को नए सेक्टर्स में लॉन्च करना शुरू किया और इस तरह वह पेट्रोकेमिकल सेक्टर में आई.

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धीरूभाई अंबानी के साथ लंबे वक्त तक काम करते हुए मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर रिफाइनरी को भारत ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफाइनरी बना दिया. लेकिन वह भविष्य में टेलीकॉम सेक्टर की जरूरत को जानते थे. इसलिए उन्होंने रिलायंस कम्युनिकेशंस की शुरुआत की. ये सही मायने में उनका ही ब्रेन चाइल्ड था.

जब टेलीकॉम बिजनेस चला गया भाई के पास

मुकेश अंबानी को एक बड़ा झटका साल 2002 में तब लगा, जब उनके पिता धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया. इसके बाद छोटे भाई अनिल अंबानी के साथ बिजनेस का बंटवारा हुआ और आखिर में उनके हाथ से उनका ड्रीम प्रोजेक्ट यानी टेलीकॉम बिजनेस चला गया.

बंटवारे के तहत रिलायंस कम्युनिकेशंस कंपनी अनिल को मिली, साथ ही एक क्लॉज भी साइन करना पड़ा कि अगले 10 साल तक दोनों भाई एक दूसरे के बिजनेस सेक्टर में एंट्री नहीं करेंगे. मुकेश अंबानी इसका इंतजार करते रहे और आखिरकार 2016 में अपने ड्रीम को दोबारा जिया और उसका नाम भी ‘रिलायंस जियो’ रखा.

आज बदलते जमाने की कंपनी है रिलायंस

मुकेश अंबानी आज जब एशिया के सबसे अमीर इंसान बने हैं, तो एक नजर उनके रिलायंस इंडस्ट्रीज को बदलने के 20 साल के करियर पर भी डालनी चाहिए. उन्होंने रिलायंस को ना सिर्फ पेट्रोकेमिकल्स की कंपनी से बदलकर भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम और रिटेल कंपनी बनाया है. बल्कि वह भविष्य की जरूरतों पर भी पूरा दांव लगा रहे हैं.

भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए मुकेश अंबानी ग्रीन हाइड्रोजन, बैटरी पावर और सोलर सेल बिजनेस पर बड़ा निवेश कर रहे हैं. जिस तरह ऑयल के युग में मुकेश अंबानी ने रिलायंस का फॉर्च्यून लिखा. उसी तरह वह अपने बच्चों के लिए ग्रीन एनर्जी के युग में नए फॉर्च्यून की नींव पक्की कर रहे हैं.

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