बाढ़ का खतरा बढ़ा, लगातार पानी छोड़े जाने से हसदेव नदी उफान…- भारत संपर्क

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बाढ़ का खतरा बढ़ा, लगातार पानी छोड़े जाने से हसदेव नदी उफान पर, बढ़ता जा रहा जलस्तर, बांगो बांध के 8 गेट खोले गए

कोरबा। लगातार हो रही बारिश से बांगो बांध का जल स्तर बढ़ रहा है। गुरुवार को 4 गेट खोलने के बाद भी जल स्तर कम नहीं हो रहा था। जिसे देखते हुए 4 और गेट खोलने पड़े। कुल 8 गेट खोल कर पानी छोड़ा जा रहा है।
पानी का प्रवाह बढऩे के कारण बांध का जलस्तर बढक़र 358.11 मीटर हो गया। जिसे देखते हुए बांध में जलस्तर बनाए रखने के लिए गुरुवार रात 10:30 बजे गेट संख्या 4,8 को 50-50 सेमी बढ़ा दिया गया। गेट संख्या 5 -1.50 मीटर, गेट संख्या 6 -1.50 मीटर, गेट संख्या 4 -1.00 मीटर और गेट संख्या 8 -1.00 मीटर खुला रहा। सभी गेटों से कुल 29,072 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। पॉवर प्लांट हाइड्रेल के द्वारा 9,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। रात में बांध से कुल 38,072 क्यूसेक पानी हसदेव नदी में छोड़ा जा रहा था।
शुक्रवार सुबह पानी का प्रवाह बढऩे के कारण बांध का जलस्तर बढक़र 358.11 मीटर पर स्थिर हो गया। जिसे कम किया जाना है इसलिए बांध में जलस्तर को नियंत्रण में रखने शुक्रवार सुबह 5 बजे दो नए गेट, गेट संख्या -03 और 09 को भी ओपन किया गया। गेट संख्या 5 -1.50 मीटर, गेट संख्या 6 -1.50 मीटर, गेट संख्या 4 -1.00 मीटर,गेट संख्या 8 -1.00 मीटर, गेट संख्या 3 – 0.50 मीटर और गेट संख्या 9 को 0.50 मीटर खोला गया। सभी गेटों से कुल 34,988 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। पॉवर प्लांट हाइड्रेल के द्वारा 9,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस प्रकार बांध से कुल 43,988 क्यूसेक पानी हसदेव नदी में छोड़ा जा रहा था। इसके बाद भी बांध का जलस्तर 358.11 मीटर पर स्थिर है। जलस्तर को नियंत्रण कर कम करने के लिए सुबह 8:30 बजे दो नए गेट, गेट संख्या 2 और 7 को भी आवश्यकतानुसार ओपन किया गया। गेट संख्या 2 – 0.50 मीटर और गेट संख्या 7 – 0.50 मीटर खुला है। सभी गेटों से कुल 40,904 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और पॉवर प्लांट हाइड्रेल के द्वारा 9,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है इस प्रकार बांध से कुल 49,904 क्यूसेक पानी हसदेव नदी में छोड़ा जा रहा है ।
जिससे हसदेव नदी का जलस्तर बढ़ गया है। दर्री बराज में भी पानी का स्तर बढ़ा हुआ है। लगातार पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। लगातार मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। शहर के कई निचले इलाकों में जलजमाव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर के प्रमुख इलाकों में जलभराव बारिश का सबसे ज्यादा असर मानिकपुर, रविशंकर नगर, सीतामणी और खरमोरा जैसे इलाकों में देखने को मिला। यहाँ सडक़ों पर घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई जगह नालियाँ उफान पर हैं और उनका गंदा पानी सडक़ों पर बह रहा है, जो लोगों के घरों में भी घुस रहा है। रविशंकर नगर में स्थिति इतनी खराब है कि निवासियों में भारी आक्रोश है। यहाँ हर साल बारिश के मौसम में ऐसी स्थिति बनती है, लेकिन समाधान नहीं हो पाता। रविशंकर नगर में जलभराव के कारण सुबह-सुबह बच्चों से भरी एक स्कूल बस सडक़ पर फंस गई। यह घटना शहर की खराब जल निकासी व्यवस्था को उजागर करती है। लगातार हो रही बारिश के कारण दादर नाला भी उफान पर है। नाले के ऊपर से पानी बहने के कारण कई गांवों का संपर्क शहर से कट गया है। ग्रामीणों को आने-जाने के लिए लंबे रास्तों का सहारा लेना पड़ रहा है। शहर की सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक, जिला मेडिकल कॉलेज के सामने भी जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण भारी जलभराव हो गया है। मरीजों और उनके परिजनों को अस्पताल आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार की तत्काल आवश्यकता को दर्शाती है। प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देने और जल निकासी के लिए दीर्घकालिक समाधान निकालने की आवश्यकता है, ताकि हर साल बारिश में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।
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बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट
कलेक्टर अजीत वसंत ने जिले में हो रही भारी बारिश को ध्यान में रखते हुए बाढ़ की स्थिति के नियंत्रण के लिए सभी एसडीएम को सतर्क रहने के निर्देश दिए है। साथ ही स्वास्थ्य, विद्युत एवं अन्य लाइन डिपार्टमेंटल अधिकारी कर्मचारियों को सक्रियता से कार्य करने निर्देशित किया है। उन्होंने बांध एवं नदी के समीपस्थ इलाकों से चल अचल परिसम्पत्तियों को हटाने हेतु ग्रामीण क्षेत्रो में मुनादी कराने के भी निर्देश दिए है। जिले में लगातार हो रहे बारिश के कारण मिनीमाता बांगो बांध माचाडोली एवं हसदेव बराज दर्री से नदी में पानी प्रवाहित किया जा रहा है। वर्तमान में बांगो बांध के 6 गेट से पानी नदी में छोड़ा जा रहा है।कार्यपालन अभियंता मिनीमाता बांगो बांगों बांध संभाग क्र. 3 माचाडोली ने सर्व साधारण एवं कार्य संबंधितों से बांध से नीचे एवं हसदेव नदी के किनारे, बाढ़ क्षेत्र में स्थापित चल-अचल सम्पत्ति सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का आग्रह किया है। साथ ही बाढ़ क्षेत्र में स्थापित खनिज खदान ठेकेदार, औद्योगिक इकाईयां, संस्थानों आदि को भी सूचित किया गया है कि वे अपनी परिसम्पत्तियों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर निकालना सुनिश्चित कर लें। अकस्मात बाढ़ से होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जल संसाधन विभाग उत्तरदायी नहीं होगा। कार्यपालन अभियंता मिनीमाता बांगो बांध एवं हसदेव बराज जल प्रबंध संभाग को बाढ़ क्षेत्र में आने वाले गांवों में बाढ़ चेतावनी की मुनादी करवाने की अपील की गई है।
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इन गांवों में बाढ़ का खतरा
बाढ़ क्षेत्र में आने वाले संभावित गांवो में बांगो, चर्रा, पोड़ीउपरोड़ा, कोनकोना, लेपरा, टुनियाकछार, पाथा, गाड़ाघाट, छिनमेर, कछार, कल्मीपारा, सिलयारीपारा, जुनापारा, तिलाईडांड, डुगुपारा, टुंगुमाड़ा, छिर्रापारा, मछलीबाटा, कोरियाघाट, धनगांव, डोंगाघाट, नरमदा, औराकछार, सोनगुड़ा, जेल गांव, झाबू, नवांगांव, तिलसाभाटा, लोतलोता, स्याहीमुड़ी, कोडा, हथमार, झोरा, सिरकीकला आदि शामिल हैं।

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