हाईकोर्ट ने माना पंचायत निधि का नहीं किया दुरुपयोग अब सीईओ…- भारत संपर्क
हाईकोर्ट ने माना पंचायत निधि का नहीं किया दुरुपयोग अब सीईओ साहब रजगामार की सरपंच को पद से पृथक करने एसडीएम को लिख रहे चिट्ठी, हाईकोर्ट ने जमानत प्रकरण में की है टिप्पणी, कमीशन के लिए दर्ज की गई एफआईआर
कोरबा। जिला पंचायत कोरबा सीईओ ने ग्राम पंचायत रजगामार की सरपंच श्रीमती रमूला राठिया को छग पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत पद से हटाए जाने प्रस्ताव पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने एसडीएम कोरबा को प्रकरण भेजा है। सरपंच -सचिव पर 1 करोड़ 56 लाख 79 रुपए की वित्तीय अनियमितता का आरोप है। इस मामले सरपंच-सचिव पर एफआईआर दर्ज है। जिस पर उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, जिसमें न्यायलय ने माना है पंचायत निधि का दुरुपयोग नहीं किया गया है। कमीशन के लिए एफआईआर दर्ज की गई।
एसडीएम कोरबा को कार्रवाई हेतु लिखे पत्र में जिला पंचायत कोरबा सीईओ ने उल्लेख किया है कि जनपद पंचायत कोरबा अंतर्गत ग्राम पंचायत रजगामार में सरपंच श्रीमती रमूला राठिया ,सरपंच पति सुखराम राठिया एवं सचिव ईश्वर धिरहे द्वारा किए गए व्यापक भ्रष्टाचार की शिकायत के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ था ,जिसकी शिकायत जांच उपरांत ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती रमूला राठिया एवं सचिव ईश्वर धिरहे के विरुद्ध कुल 1 करोड़ 56 लाख 79 रुपए की वसूली योग्य राशि निर्धारित की गई है। जो कि गम्भीर वित्तीय अनियमितता है एवं कदाचार की श्रेणी में आता है । उक्त कृत्य से जन कल्याणकारी कार्यों में बाधा हुई है ,एवं शासन की छवि धूमिल हुई है । अतएव उनके विरुद्ध छग पंचायती राज अधिनियम की धारा 1993 की धारा 40 के तहत पद से पृथक करने हेतु निम्नानुसार कार्यवाही करने प्रस्तावित किया जाता है। मामले में पहले सबंधितों के खिलाफ रजगामार चौकी में मामला दर्ज करवाया गया। जिसमें सबंधितों को उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है। मामले में पुलिस की जांच चल रही है। हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर विद्वान न्यायधीश ने टिप्पणी की है कि मैंने दोनों पक्षों के विद्वान वकीलों को सुना है और मामले का अवलोकन किया है। केस-डायरी के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि एक रिपोर्ट दर्ज की गई थी और परिणामस्वरूप, कमीशन के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी। जैसा कि उपरोक्त आरोप में अपराध बताया गया है कि वर्तमान आवेदक, जो ग्राम पंचायत रजगामार के सरपंच और सचिव हैं, ने 1,56,00,000/- रुपये का दुरुपयोग किया। यह पाया गया कि आवेदकों ने पंचायत निधि का दुरुपयोग नहीं किया है और वर्तमान आवेदकों के खिलाफ एकमात्र आरोप यह है कि उन्होंने 12 मृत व्यक्तियों की पेंशन राशि लगभग 12,000/- रुपये का भुगतान नहीं किया है, जो पंचायत के पास ही पड़ा हुआ है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि लगभग 12,000/- रुपये की राशि पंचायत के पास पड़ी है और इसे स्वीकृत होने के बावजूद किसी को भुगतान नहीं किया गया है, इसके अलावा, केस डायरी में उपलब्ध सामग्री को ध्यान में रखते हुए जमानत स्वीकृत की गई है। अब जिला पंचायत सीईओ इसके बाद गंभीर आरोप बताकर पद से हटाने चिठ्ठी लिख रहे हैं।