हाईकोर्ट ने विवाह को अवैध पाकर किया रद्द, कथित लव जिहाद…- भारत संपर्क
हाईकोर्ट ने विवाह को अवैध पाकर किया रद्द, कथित लव जिहाद मामले में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका निराकृत, प्रक्रिया पूरी होने तक नारी शक्ति केंद्र में रखी जाएगी युवती
कोरबा। कटघोरा इलाके में हुए कथित लव जिहाद मामले में युवक ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मध्यस्थता सेंटर की रिपोर्ट आने पर बुधवार को अपने आदेश में कहा कि दोनों पक्ष चाहें तो नए सिरे से विवाह पर विचार कर सकते हैं। कोर्ट ने कोलकाता में हुई शादी को अमान्य करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका निराकृत कर दी। याचिकाकर्ता से जमा कराए गए एक लाख रुपए भी वापस कर दिए, जो सुरक्षा निधि के रूप में कोर्ट ने लिए थे। गत मंगलवार को हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को मध्यस्थता सेंटर जाने का निर्देश दिया था। इस सेंटर की रिपोर्ट आने के बाद बुधवार को सुनवाई हुई।मध्यस्थता सेंटर में दोनों पक्षों की बात ध्यान से सुनकर कोर्ट ने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत विवाह का आवेदन मैरिज रजिस्ट्रार को दिया जा सकता है। इसके बाद ही यह शादी विधिवत होगी। यह रिपोर्ट प्रस्तुत होने पर कोर्ट ने युवती के कथन पर कहा कि जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक उसे नारी शक्ति केंद्र में ही रखा जाएगा। बिना कानूनी प्रक्रिया के युवती को नहीं भेजेंगे। बहस के दौरान कोर्ट ने कहा कि कोलकाता में हुई शादी का प्रमाणपत्र अवैधानिक है , इसलिए खारिज किया जाता है। यह बात भी सामने आई कि परिजन बिना विवाह या उचित कानूनी प्रक्रिया के युवती को युवक के घर नहीं भेजेंगे। युवती के परिजनों की ओर से उपस्थित एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने डीबी से आग्रह किया कि ऐसा अधिकार नहीं दिया जाए कि कोई एक पक्ष अदालत के आदेश को आधार बनाकर अवमानना याचिका दायर कर सके। कोर्ट ने भी माना कि मध्यस्थता केंद्र का आदेश पक्षकारों पर बंधनकारी नहीं होगा।