अजरबैजान और ईरान के बीच कैसे हैं संबंध? जहां से लौट रहे थे राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी |… – भारत संपर्क

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अजरबैजान और ईरान के बीच कैसे हैं संबंध? जहां से लौट रहे थे राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी |… – भारत संपर्क
अजरबैजान और ईरान के बीच कैसे हैं संबंध? जहां से लौट रहे थे राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी

अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसीImage Credit source: PTI

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है. घटना के बाद रईसी और उनकी टीम से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. यह हादसा उस समय हुआ जब रईसी अजरबैजान में एक बांध का उद्घाटन करके वापस लौट रहे थे. अजरबैजान के जिस जुल्फा इलाके में हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ वहां घना कोहरा है. इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किल हो रही है. घटना के बाद से ईरान में अब राष्ट्रपति रईसी के लिए प्रार्थनाओं को दौर शुरू हो गया है.

अजरबैजान और ईरान काफी हद तक एक ही इतिहास, धर्म और संस्कृति को साझा करते हैं. दोनों पड़ोसी भी हैं. ईरान की बहुसंख्यक आबादी शिया है. इसी तरह से अजरबैजान में भी बहुसंख्यक आबादी शिया मुस्लिमों की है. दोनों देशों के बीच ठीक-ठाक संबंध हैं. हालांकि, राजनयिक स्तर पर कुछ गतिरोध जरूर है. अजरबैजान को पश्चिमी देशों का समर्थन माना जाता है. इजराइल, तुर्की और संयुक्त राज्य अमेरिका का सहयोगी भी है. दूसरी ओर ईरान बड़े पैमाने पर रूस समर्थन है और कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर चीन का समर्थन भी रहा है.

एक सैन्य अभ्यास को लेकर रहे हैं मतभेद

ईरान ने 1991 में अजरबैजान की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी. इसके एक साल बाद यानी 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध भी स्थापित हुए. आमतौर पर ईरान और अजरबैजान के बीच रिश्ते सामान्य रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच तल्खी देखी गई. तल्खी के पीछे एक सैन्य अभ्यास था जिसमें अजरबैजान के साथ-साथ तुर्की और पाकिस्तान भी शामिल था. यह सैन्य अभ्यास ईरान की सीमा से थोड़ी दूर पर किया गया था.

आर्मेनिया को लेकर तनाव

ईरान और अजरबैजान के बीच आर्मेनिया को लेकर तनाव की स्थिति देखने को मिल चुकी है. ईरान को आर्मेनिया का समर्थक देश कहा जाता है. आर्मीनिया ईसाई बहुसंख्यक वाला देश है, लेकिन अजरबैजान की तुलना में ईरान से उसकी नजदीकी ज्यादा रही है. वहीं, अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच तल्खी रही है. दोनों के बीच युद्ध भी हो चुका है. युद्ध के दौरान ईरान ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की कोशिश भी की थी, लेकिन माना जाता है कि वो अंदर ही अंदर आर्मीनिया की मदद कर रहा था.

इजराइल को लेकर भी रहे हैं मतभेद

इजराइल अजरबैजान का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर देश है. हालांकि, अजरबैजान में इजराइल की साफ-साफ मौजूदगी आज तक कही दिखाई नहीं दी है, लेकिन कामकाजी संबंध जरूर रहे हैं. जबकि पूरी दुनिया जानती है कि इजराइल और ईरान के बीच रिश्तों में दरारें हैं.

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