बेंगलुरु में टीम इंडिया जिस पिच पर खेली, वो अचानक न्यूजीलैंड के लिए कैसे बद… – भारत संपर्क

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बेंगलुरु में टीम इंडिया जिस पिच पर खेली, वो अचानक न्यूजीलैंड के लिए कैसे बद… – भारत संपर्क

बेंगलुरु टेस्ट में कैसे अचानक पिच का बर्ताव बदल गया?Image Credit source: PTI
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम को भारत के बेस्ट स्टेडियम में जाना जाता है, जहां ड्रेनेज सुविधा सबसे बेहतरीन है. यानि जहां बारिश के कारण पानी जमा होने के बावजूद भी वो ज्यादा देर नहीं टिक पाता और जल्द ही मैदान खेलने के लिए तैयार हो जाता है. शायद ये फैक्टर टीम इंडिया के दिमाग पर छाया रहा और इसका ही नतीजा रहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन टीम इंडिया ने ऐसा फैसला लिया, जो उसके लिए आत्मघाती रहा. चिन्नास्वामी यानि अपने घरेलू मैदान पर टीम इंडिया सिर्फ 46 रन पर ढेर हो गई. सिर्फ 4 घंटे के अंदर खेल खत्म हो गया लेकिन इसके अगले 4 घंटों में न्यूजीलैंड ने 180 रन बना दिए और टीम इंडिया पर बड़ी बढ़त हासिल कर ली. तो अचानक ऐसा क्या हो गया कि खतरनाक दिखने वाली पिच आसान हो गई?
अचानक मुश्किल पिच पर बैटिंग कैसे हुई आसान?
ये तो साफ है कि बेंगलुरु में गुरुवार की सुबह जो हुआ, वो भारतीय पिचों पर बहुत ही दुर्लभ नजारा है. भारत में खेले जाने वाले ज्यादातर टेस्ट मैच में वही होता है, जो न्यूजीलैंड की पारी के दौरान हुआ. पहले दिन आसान बैटिंग. फिर भी दोनों पारियों के दौरान पिच का बर्ताव अलग-अलग था और इसकी वजह था मौसम. टीम इंडिया जब सुबह बैटिंग के लिए उतरी थी तो उससे पहले चिन्नास्वामी कि पिच 24 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक ढकी हुई थी. इस दौरान काफी बारिश हुई और फिर सुबह के वक्त भी घने बादल छाए थे. ऐसे में मैदान में जो नमी थी, वो पिच में भी मौजूद रही और शुरुआती सेशन में काफी देर तक बरकरार रही.
फिर सुबह के वक्त छाए बादलों ने भी पिच को सूखने का मौका नहीं दिया और इसका फायदा न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने उठाया, जिनके लिए ये बिल्कुल उनके देश जैसी परिस्थितियां थीं. ऐसे में उनके लिए लाइन-लेंग्थ की परख करना आसान था और उन्होंने यही किया. अब पिच ने न्यूजीलैंड की पारी के दौरान अलग बर्ताव क्यों किया? इसका जवाब है – मौसम की करवट. असल में न्यूजीलैंड की टीम दूसरी पारी में बैटिंग के लिए उतरी. उस वक्त भी शुरुआत में स्थिति भारतीय पारी जैसी ही बनी हुई थी और इसलिए शुरुआती 2-3 ओवर में टीम इंडिया ने उन्हें परेशान किया लेकिन विकेट नहीं मिल पाए. इसके बाद धीरे-धीरे बादल छंटने लगे और बेंगलुरु का आसमान साफ हो गया, जिसके कारण सूरज चमकने लगा और पिच भी धीरे-धीरे सूखने लगी. इसके चलते पिच और मैदान की नमी कम होती गई और बल्लेबाजी आसान हो गई.
सिराज-बुमराह नहीं कर पाए न्यूजीलैंड जैसा काम
भारत और न्यूजीलैंड की पारियों के दौरान पिच के बदलते बर्ताव की सबसे बड़ी वजह यही थी. लेकिन सिर्फ चमकता सूरज ही न्यूजीलैंड की पारी में बैटिंग आसान होने की वजह नहीं था. इसकी दूसरी वजह भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन था.टीम इंडिया के लिए स्टार पेसर जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने बॉलिंग की शुरुआत की लेकिन दोनों की लेंग्थ का फर्क साफ देखने को मिला. दोनों ने शुरुआत में लंबी गेंद रखकर स्विंग हासिल करने की कोशिश की लेकिन इस मामले में बुमराह और सिराज गुड लेंग्थ पर पिच करने के बजाए थोड़ी लंबी पिच करने लगे. ऐसे में कीवी बल्लेबाजों के लिए इन गेंदों का सामना करना ज्यादा मुश्किल नहीं रहा.
खूब खली तीसरे पेसर की कमी
तीसरी बड़ी वजह सिर्फ 2 तेज गेंदबाजों का होना था. इस टेस्ट में टीम इंडिया ने तीन तेज गेंदबाजों के बजाए तीन स्पिनरों के साथ उतरने का फैसला किया और इसलिए पहले बैटिंग चुनी थी. ऐसे में जब सिराज और बुमराह सफलता दिलाने में नाकाम रहे तो तीसरे तेज गेंदबाज का विकल्प नहीं था. बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में तीसरे पेसर के रूप में आकाश दीप ने बेहद प्रभावित किया था और कई बार साझेदारियां तोड़ी थीं. इस बार ऐसा नहीं हो सका. नतीजा ये हुआ कि जल्द ही स्पिनर्स को लगाना पड़ा और नमी वाली पिच पर सख्त गेंद से शुरुआत में अश्विन, कुलदीप और जडेजा जैसे गेंदबाजों को टर्न नहीं मिली. जब थोड़ी धूप निकली, तब इनका असर देखने को मिला और तभी जाकर विकेट भी मिले, जो तीनों स्पिनर्स की झोली में आए.
बाकी कसर फील्डिंग ने पूरी कर दी
पिच ने तो अपना बर्ताव बदला ही लेकिन टीम इंडिया की फील्डिंग ने भी न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी आसान की. जहां न्यूजीलैंड की ओर से कम से कम 4 हैरतअंगेज कैच भारतीय पारी में लपके गए, तो वहीं टीम इंडिया ने 3 कैच टपका दिए. शुरुआत में केएल राहुल ने सिराज की गेंद पर एक कैच छोड़ा और फिर रवींद्र जडेजा के अलग-अलग ओवर में कप्तान रोहित शर्मा ने 2 कैच टपका दिए. अगर फील्डिंग बेहतर होती तो स्थिति कुछ और भी हो सकती थी.

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