देश में हर सेकंड में कितना यूज होता है डीजल, आंकड़ों में…- भारत संपर्क
वित्त वर्ष 2022-23 में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले डीजल की खपत में इजाफा देखने को मिला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को कार्बन मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं. जीरो कार्बन के प्रयासों के तहत देश की तमाम बड़ी कंपनियां हाइड्रोजन फ्यूल पर काम कर रही हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि देश में हर सेकंड में डीजल की कितनी खपत हो जाती है? जी हां अगर बता दिया तो आपके भी होश उड़ जाएंगे. देश में हर सेकंड में 2700 लीटर से ज्यादा डीजल धुंए में उड़ जाता है. वास्तव में सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से डीजल और पेट्रोल कंजंप्शन का डाटा जारी किया है. जिसमें कैरिसिन की खपत को लेकर भी रिपोर्ट पेश की गई है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से किस तरह का आंकड़ा पेश किया गया है.
कैरोसिन की खपत में 26 फीसदी की गिरावट
देश में केरोसिन या मिट्टी के तेल की खपत में 2013-14 और 2022-23 के बीच साल-दर-साल आधार पर 26 की भारी गिरावट आई है. इसका मुख्य कारण सरकार की क्लीन एनर्जी को प्रोत्साहन देने की पॉलिसीज हैं. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों ऊर्जा सांख्यिकी भारत 2024 में कहा गया है कि हाल के समय की ऊर्जा नीतियों का प्रभाव देश में ईंधन के रूप में केरोसिन की खपत पर स्पष्ट दिखता है. आंकड़ों से पता चलता है कि केरोसिन की खपत में 2013-14 से 2022-23 तक सालाना आधार (सीएजीआर) पर 25.78 फीसदी की गिरावट आई है. इसमें लगातार गिरावट देखने को मिली है.
हर सेकंड में कितना डीजल का यूज
रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी पेट्रोलियम उत्पादों में एचएसडीओ (डीजल) की खपत में पिछले साल की तुलना में 2022-23 में 12.05 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. कुल फ्यूल खपत में डीजल की हिस्सेदारी सबसे अधिक 38.52 फीसदी है. पिछले वर्ष की तुलना में पेट्रोल और पेट कोक की खपत में क्रमशः 13.38 प्रतिशत और 28.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. डीजल की खपत 2021-22 में 7.66 करोड़ टन थी जो 2022-23 में 12.05 फीसदी की वृद्धि के साथ 8.59 करोड़ टन हो गई है. इसका मतलब है कि देश में हर एक सेकंड में 2700 से ज्यादा लीटर डीजल यूज होता है.
ये भी पढ़ें
नेचुरल गैस के आंकड़ें
रिपोर्ट कहती है कि प्राकृतिक गैस की खपत में समय के साथ उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 के दौरान, ऊर्जा के उद्देश्य से प्राकृतिक गैस की खपत 7.7 प्रतिशत घटकर 36,383 अरब घनमीटर (बीसीएम) रह गई. यह 2021-22 में 39,414 अरब घनमीटर थी. इसी तरह गैर-ऊर्जा उद्देश्य के लिए प्राकृतिक गैस की खपत 1.1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 2021-22 के 22,077 बीसीएम से बढ़कर 2022-23 में 22,319 बीसीएम हो गई.
बिजली की खपत
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राकृतिक गैस की अधिकतम खपत उर्वरक उद्योग में 32.35 प्रतिशत की रही. इसके बाद सड़क परिवहन सहित शहर गैस वितरण नेटवर्क (20.06 प्रतिशत) का स्थान रहा. रिपोर्ट में बताया गया है कि बिजली की अनुमानित खपत 2012-13 के 8,24,301 गीगावाट घंटा (जीडब्ल्यूएच) से बढ़कर 2021-22 के दौरान 12,96,300 जीडब्ल्यूएच हो गई. यह सालाना आधार पर 5.16 प्रतिशत की वृद्धि है.