कितनी होनी चाहिए चिमनी की सक्शन पावर? खरीदने से पहले जानना है जरूरी – भारत संपर्क

आजकल के मॉडर्न किचन में चिमनी सिर्फ एक लग्जरी नहीं, बल्कि जरूरत बन चुकी है. लेकिन जब चिमनी खरीदने की बारी आती है, तो हम ब्रांड और डिजाइन तो देख लेते हैं, पर Suction Power जैसे जरूरी फीचर को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. दरअसल, सक्शन पावर ही ये तय करती है कि चिमनी कितना असरदार तरीके से धुआं, तेल की भाप और बदबू को खींच पाएगी. इसलिए चिमनी खरीदने से पहले इसकी सक्शन पावर को समझना बेहद जरूरी है.
चिमनी की सक्शन पावर क्या होती है?
सक्शन पावर का मतलब चिमनी की वो कैपेसिटी जिससे वो हवा, धुआं और तेल को खींच कर बाहर निकालती है. क्यूबिक मीटर पर आवर (m³/hr) में मापा जाता है. जितनी ज्यादा सक्शन पावर, उतनी ज्यादा असरदार चिमनी होती है.
कितनी होनी चाहिए चिमनी की सक्शन पावर?
ये आपके किचन के साइज और कुकिंग हैबिट पर डिपेंड करता है. आपके किचन की लंबाई × चौड़ाई × ऊंचाई कुल वॉल्यूम कितनी है उस हिसाब से सलेक्ट किया जा सकता है. भारत में ऑयली कुकिंग होती है, इसलिए कम से कम 700 से 1200 m³/hr की चिमनी लेना बेहतर होता है.
चिमनी की सक्शन पावर कैसे चेक करें?
चिमनी की सही सक्शन पावर का चेक करने के लिए सबसे पहले ये देखना जरूरी है कि आपके किचन का साइज कितना है और आप किस तरह की कुकिंग करते हैं. अगर आपके किचन का साइज 60 से 100 वर्ग फीट के बीच है और आप हल्की कुकिंग करते हैं जैसे उबालना, स्टीम या कम तेल में खाना पकाना, तो आपके लिए 500 से 800 m³/hr सक्शन पावर वाली चिमनी काफी होगी.
अगर आपके किचन का साइज 100 से 150 वर्ग फीट है और आप डेली खाना जैसे रोटी-सब्जी आदि बनाते हैं, तो आपके लिए 800 से 1000 m³/hr की चिमनी बेहतर रहेगी.
वहीं, अगर आपका किचन 150 वर्ग फीट से बड़ा है और आप अक्सर मसालेदार, तला-भुना या हैवी ऑयली फूड बनाते हैं, तो आपको 1000 से 1400 m³/hr सक्शन पावर वाली चिमनी का ऑप्शन सहीं होगा. इससे न सिर्फ आपका किचन साफ रहेगा बल्कि हवा भी फ्रेश बनी रहेगी.
ज्यादा सक्शन पावर क्यों जरूरी है?
सक्शन पावर तेल और धुएं को तेजी से बाहर निकालने के लिए, किचन में फ्रेश हवा बनाए रखने के लिए, दीवारों और टाइल्स को तेल की चिपचिपाहट से बचाने के लिए, बदबू और स्मोक से राहत के लिए जरूरी होती है.
कम सक्शन पावर की चिमनी के नुकसान?
धुआं और गंध किचन में ही रह जाते हैं. चिमनी की मोटर पर ज्यादा प्रोशर पड़ता है. फिल्टर जल्दी गंदा होता है. किचन साफ रखने में दिक्कत आती है.