कितनी ताकतवर है इजराइल की एजेंसी मोसाद? जो इब्राहिम रईसी की मौत के बाद आई शक के घेरे… – भारत संपर्क

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कितनी ताकतवर है इजराइल की एजेंसी मोसाद? जो इब्राहिम रईसी की मौत के बाद आई शक के घेरे… – भारत संपर्क
कितनी ताकतवर है इजराइल की एजेंसी मोसाद? जो इब्राहिम रईसी की मौत के बाद आई शक के घेरे में

हेलिकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत

ईरान में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद दुनिया में हलचल है. ईरान की जांच एजेंसियां ये पता लगाने में जुटी हैं कि आखिर हादसा कैसे हुआ. इस बीच कुछ लोगों ने इस क्रैश में मोसाद का हाथ होने की संभावना भी जताई है. मोसाद इजराइल की वो खुफिया एजेंसी है जो दुश्मनों को बड़ी होशियारी से खत्म करने में माहिर मानी जाती है. मोसाद अब तक दुनिया में कई बड़े ऑपरेशनों को अंजाम देकर अपनी ताकत दिखा चुकी है.

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का रविवार को हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें प्रेसिडेंट रईसी समेत 9 लोगों की मौत हो गई है. रईसी का हेलीकॉप्टर रविवार को अजरबैजान से लौटते वक्त शाम 7 बजे लापता हो गया था, जिसका मलबा सोमवार सुबह पहाड़ी पर मलबा मिला है. घटना के करीब 12 घंटे बाद तुर्की के ड्रोन और बचाव दल की मदद से मलबे का पता लगाया गया. ऐसा कहा जा रहा है कि खराब मौसम की वजह से हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है. हालांकि ईरान में इस घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है.

कैसे शक के घेरे में है मोसाद?

ईरान के राष्ट्रपति रईसी अजरबैजान रविवार को अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ एक डैम का उद्घाटन करने के लिए अजरबैजान में थे. अजरबैजान से जब रईसी लौट रहे थे, तभी उनका हेलिकॉप्टर बेल 212 क्रैश हो गया था. रईसी के काफिले में कुल तीन हेलिकॉप्टर थे. जिसमें से बाकी दोनों हेलिकॉप्टर सुरक्षित हैं, लेकिन रईसी का हेलिकॉप्टर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. अजरबैजान ईरान का पड़ोसी देश जरूर है, लेकिन उसका तेहरान के कट्टर दुश्मन इजराइल के साथ बहुत ही अच्छे संबंध हैं. हमास और इजराइल युद्ध के दौरान भी अजरबैजान ने इजराइल की मदद की थी. इसको देखते हुए इस हादसे की पीछे मोसाद पर शक जताया जा रहा है.

दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण हालात

ईरान और इजरायल के बीच बेहद तनावपूर्ण हालात हैं. ईरान ने इजराइल पर 13 अप्रैल की आधी रात को हमला कर दिया था. ईरान के हमले का मकसद सिर्फ इजराइल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था, जिससे किसी भी तरह का कोई खास नुकसान न हो. ईरान के हमले के एक हफ्ते बाद यानी 19 अप्रैल को इजराइल ने भी इस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए हमला किया. हालांकि ईरान ने इजराइल के हमलों को खारिज कर दिया था, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया था कि इजराइल ने ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया है. वहीं इसमें सबसे ज्यादा नुकसान इस्फ़हान शहर में पहुंचा है. ईरान में इस्फ़हान शहर बहुत अहम है क्योंकि यहां पर देश का न्यूक्लियर प्लांट है.

क्या है मोसाद ?

इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशन्स इजराइल की खुफिया एजेंसी है. इसे मोसाद कहा जाता है. मोसाद अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के बाद दुनिया की दूसरी सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी है. पूरी दुनिया में मोसाद को सीक्रेट ऑपरेशन के लिए जाना जाता है. कहा जाता हैमोसाद इजराइल के दुश्मन को दुनिया के किसी भी कोने से खोज निकालते हैं और उन्हें खत्म कर देते हैं. मोसाद की स्थापना 13 दिसंबर 1949 को की गई थी. इसे कई डिवीजन में बांटा गया है. जानकारी के अनुसार मोसाद के डायरेक्टर इजरायल डिफेंस फोर्सेज के मेजर जनरल रैंक के बराबर होते हैं. मोसाद के चीफ डेविड बार्निया हैं.

कैसे दुश्मनी में बदल गई दोस्ती?

14 मई 1948 फिलिस्तीन से स्वतंत्र होकर इजराइल वजूद में आया था. उस वक्त दुनिया के ज्यादातर देशों ने इजराइल को मान्यता देने से इंकार कर दिया था, लेकिन तब ईरान को इजराइल को मान्यता दी थी. ईरान में तब यहूदियों की अच्छी खासी आबादी थी. मान्यता मिलने के बाद ईरान और इजराइल के बीच काफी अच्छी दोस्ती थी. तब इजराइल ने ईरान को हथियार तो ईरान ने इजराइल को तेल देना शुरू कर दिया था. हालांकि ईरान की सियासत में अयातुल्लाह खुमैनी के एंट्री होने के बाद से दोनों देशों के रिश्ते खराब होने शुरू हो गए थे. खुमैनी की अगुवाई में ईरान में इस्लाम धर्म की क्रांति आने लगी थी.

अमेरिका और इजरायल को खुमैनी ने शैतानी देश कहना शुरू कर दिया था. इसके अलावा ईरान में मुस्लिम राष्ट्र की मांग होने लगी और देखते देखते 1979 में ईरान पूरी तरह से मुस्लिम राष्ट्र बन गया. इसके बाद से ही इजराइल और ईरान के बीच दुश्मनी की दीवार खड़ी हो गई. दोनों देशों के बीच आवाजाही बंद हो गई. साथ ही एयर रूट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. ईरान ने पहले इजरायल को मान्यता दी थी, वहीं बाद में वो कहने लगा कि इजरायल ने फिलिस्तीनियों का हक मारा है.

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