बंद हो चुके NPS अकाउंट को ऐसे करें रीएक्टिवेट, खत्म हो जाएगी…- भारत संपर्क


सांकेतिक तस्वीर
एक व्यक्ति जब नौकरी शुरू करता है तब वह साथ में पेंशन का भी जुगाड़ सेट करने लग जाता है. भारत सरकार के तरफ से आम नागरिकों को गारंटीड पेंशन सुनिश्चित करने के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) नाम से एक योजना चलाई जाती है. इस योजना में कोई भी भारतीय निवेश कर सकता है. व्यक्ति के निवेश की सीमा के अनुसार ही उसके पेंशन की रकम तय होती है. इसलिए वह कितने रुपए का मंथली पेंशन चाहता है. उसका कैलकुलेशन करने के बाद ही उसे एनपीएस में निवेश करना चाहिए.
कई लोग ऐसे भी होते हैं जो एक बार एनपीएस में निवेश शुरू कर देते हैं, लेकिन किसी कारण से उनका अकाउंट बंद हो जाता है. पुराने अकाउंट को रीएक्टिवेट करने के लिए क्या प्रक्रिया होती है. आज के आर्टिकल में हम इसी के बारे में जानने वाले हैं.
ये है पूरी प्रक्रिया
नेशनल पेंशन स्कीम को सब्सक्राइब करने के लिए हर किसी सालाना एक न्यूनतम रकम का योगदान करना होता है. मौजदूा नियमों के तहत, एनपीएस के टियर-1 अकाउंट में कम से कम 1,000 रुपए का योगदान करना अनिवार्य है. अगर किसी एक वित्तीय वर्ष में इस अकाउंट में योगदान नहीं किया जाता है तो एनपीएस अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है.
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एनपीएस अकाउंट दोबारा एक्टिवेट करने के लिए आपको हर साल के हिसाब से 100 रुपए की पेनाल्टी देनी होगी. इसके अलावा हर साल के लिए मिनिमम योगदान भी देना होता है. एनपीएस अकाउंट को दोबारा एक्टिवेट करने के लिए प्वॉइंट-ऑफ-प्रेजेंस चार्ज भी देना होता है. टियर-2 के लिए न्यूनतम योगदान की कोई बाध्यता नहीं है, लेकिन टियर-1 अकाउंट फ्रीज हो जाता है तो टियर-2 भी अपने आप ही फ्रीज हो जाएगा.
क्या है नियम?
एनपीएस एक वॉलेंटरी पेंशन फंड है, जिसे पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया रेगुलेट करती है. कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 6,000 रुपए के योगदान के साथ इसकी शुरुआत कर सकता है. एनपीएस एक तरह का एन्युटी प्लान जिसपर सालाना कम्पाउंड ब्याज मिल रहा है. सामान्य तौर पर यह इसपर 9 से 11 फीसदी तक का ब्याज मिलता है.