नोएडा: चौके-छक्के से लेकर विकेट गिरने तक, क्रिकेट में कैसे लगाते थे सट्टा? … – भारत संपर्क

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उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल लेवल पर क्रिकेट मैच में ऑनलाइन सट्टा लगवाने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है. कासना पुलिस और स्वाट टीम ने गैंग का पर्दाफाश किया है. इस मामले में टीम की संयुक्त कार्रवाई में ग्रेनो वेस्ट की 2 अलग-अलग सोसाइटी से 8 सटोरी पकड़े गए हैं. बताया जा रहा है कि आरोपी ये काम एक ऐप के जरिये करते थे. गैंग को थाईलैंड और दुबई से चलाया जा रहा था.
पुलिस को आरोपियों के पास से 4 लैपटॉप, 26 मोबाइल, 16 सिम, 2 रजिस्टर, 3 पासबुक, 2 चेक बुक 3 बैंक पासबुक, 1 पासपोर्ट, 2 रजिस्टर और अन्य समान मिला है. जानकारी के अनुसार पुलिस और स्वाट टीम ने इस इंटरनेशनल गैंग का पर्दाफाश राजस्थान के अलवर के दो युवकों की किडनैपिंग की झूठी कहानी की जांच के दौरान किया.
व्हाइट आर्किड और राधा स्काई गार्डन सोसाइटी से गिरफ्तारी
संयुक्त टीम ने ग्रेनो वेस्ट की व्हाइट आर्किड और राधा स्काई गार्डन सोसाइटी से सभी आठ लोगों की गिरफ्तारी की है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान भीम (22), नारायण (26), ध्रुव (24), मुकीम (19), विशाल कुमार (27), सन्नी जेतवा (27), हिमाशु दकान (20) और सुखदेव सिंह (31) के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि राजस्थान के अलवर के सुभाष चंद्र ने 12 जून को डायल 112 पर अपने बेटे भीम सिंह (22) और भतीजे (25) नारायण की किडनैंपिंग की और सात लाख फिरौती मांगे जाने की सूचना दी थी.
अपहरण की साजिश का पर्दाफाश
सुभाष चंद्र की सूचना पर कासना कोतवाली पुलिस और स्वॉट टीम ने उनके बेटे और भतीजे को खोजना शुरू किया. फिर दोनों की लोकेशन ग्रेनो वेस्ट की एक सोसाइटी में मिली. पुलिस वहां पहुंची तो पता चला कि दोनों आरोपी अपने साथियों के साथ क्रिकेट मैच में सट्टा लगवाने का गैंग चला रहे थे. इसके बाद सभी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस पूछताछ में भीम सिंह ने खुद अपने अपहरण की साजिश रचने की बात बताई.
इसलिए रची गई अपहरण की साजिश
आरोपी भीम सिंह ने बताया कि वो यहां अकाउंट का काम देखता है. अकाउंट में करीब 7 लाख रुपये की गड़बड़ी हुई तो थाईलैंड में बैठा उसका बॉस लगातार पैसों के लिए दबाव बनाने लगा. इसके लिए उसने पिता से पैसे दिलवाने के लिए अपहरण की साजिश रची. उसने बताया कि सभी आठ लोग क्रिकेट बैटिंग का काम करते हैं. लैपटॉप और मोबाइल के जरिये उनका सारा काम होता है. उन्हें फर्जी नाम पते पर सिम कार्ड और फर्जी अकाउंट संबंधित दस्तावेज उनका बॉस उपलब्ध कराता है.
ऐसे लगाया जाता था सट्टा
पुलिस ने बताया कि गैंग जिस ऐप से सट्टा लगवाता था, वह भारत में बैन किया गया है. मैच के दौरान चौके-छक्के, स्कोर, विकेट गिरने, हार-जीत पर सट्टा लगाया जाता था. ऐप में आरोपियों के व्हॉट्सऐप नंबर चालू होते थे. जिनको सट्टा लगाना होता था, वो आरपियों के नंबरों पर व्हॉट्सऐप कॉल करते थे. इसके बाद आरोपी उनको आईडी देते थे. अब तक 5 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की बात पता चली है.
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