All Eyes on Rafah अभियान से राफा को क्या फायदा होगा? सोशल मीडिया पर कर रहा है ट्रेंड… – भारत संपर्क

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All Eyes on Rafah अभियान से राफा को क्या फायदा होगा? सोशल मीडिया पर कर रहा है ट्रेंड… – भारत संपर्क
All Eyes on Rafah अभियान से राफा को क्या फायदा होगा? सोशल मीडिया पर कर रहा है ट्रेंड

राफा क्रॉसिंग गाजा के लोगों के बाहर निकलने का प्रमुख रास्ता है.

राफा में बमबारी की घटना के बाद सोशल मीडिया पर ‘All Eyes On Rafah’ ट्रेंड कर रहा है. आम इंसान से लेकर दुनिया के दिग्गज सेलिब्रिटी तक इस अभियान को सपोर्ट कर रहे हैं. अभियान की यह लाइन भले ही 3 माह पुरानी हैं, लेकिन अब इसने एक सपोर्ट कैम्पेन की जगह ले ली है.गाजा के राफा शहर में इजराइल की ओर से किया गया हवाई हमला तूल पकड़ रहा है. हमले में 45 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. इसके बाद से दुनियाभर में इजराइल के खिलाफ गुस्सा देखने के मिल रहा है. इस गुस्से ने अब एक अभियान की शक्ल ले ली है.

इजराइल पिछले साल हुए 7 अक्टूबर के हमले के जवाब में लगातार इस क्षेत्र पर हमला कर रहा है. उसका मकसद चरमपंथी संगठन हमास को खत्म करना है. लेकिन इस अभियान में गाजा पट्टी की आम जनता भी चपेट में आ रही है. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के आदेश के बाद भी इजराइल इस क्षेत्र में अपने सैन्य अभियान को रोकता हुआ नहीं दिखाई पड़ रहा है. आइए जानते हैं कि ‘ऑल आईज ऑन राफा’ कैंपेन कैसे शुरू हुआ और राफा को इससे क्या फायदा होगा.

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गाजा की ‘लाइफलाइन’ है राफा

गाजा की लगभग आधी आबादी, या दस लाख से ज्यादा लोग, राफा में रह रहे हैं. राफा, गाजा का सबसे दक्षिणी छोर है, जो गाजा पट्टी और मिस्र को बांटने वाली 12 किलोमीटर की सीमा पर स्थित है. राफा के लिए साल 2007 काफी अहम था. इसी साल इजराइल ने गाजा पट्टी जाने के जमीन, समुद्र और हवाई रास्ते पर नाकाबंदी लगा दी थी. तब से राफा गाजा के लिए एक लाइफलाइन बन गई है. अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता राफा से होकर ही गाजा पहुंचती है.

राफा क्रॉसिंग गाजा के लोगों के बाहर निकलने का भी प्रमुख रास्ता है. हालांकि, यहां से अंदर-बाहर कौन जा सकता है, इसका फैसला मिस्र लेता है. दरअसल, इजराइल के साथ 2007 के समझौते के अनुसार राफा क्रॉसिंग मिस्र के नियंत्रण में है. यह क्रॉसिंग साल में कई दिन तो बंद ही रहती है. ऊपर से अगर किसी को यहां से गुजरना हो, तो फ़िलिस्तीनियों को दो से चार सप्ताह पहले स्थानीय अधिकारियों के पास पंजीकरण कराना होता है. इन अधिकारियों में ज्यादातर हमास गुट से संबंधित होते हैं. एक आंकडे के मुताबिक, इनकी तरफ से आवेदनों का एक बड़ा हिस्सा खारिज कर दिया जाता है. खारिज करने की कोई ठोस वजह भी नहीं दी जाती.

‘All Eyes On Rafah अभियान से राफा को क्या फायदा होगा?

राफा में चल रहे संघर्ष की वजह से लगभग 14 लाख फिलिस्तीनियों को अपने घर छोड़कर जाना पड़ा है. इजराइल के हमलों के चपेट में हमास गुट के लड़ाकों के अलावा महिलाएं और बच्चें भी आ रहे हैं. ‘All Eyes On Rafah’ को सोशल मीडिया पर समर्थन मिलने से दुनियाभर के लोगों को राफा की त्रासदी फिर याद दिलाई जा रही है. एक आंकड़े के मुताबिक, ‘All Eyes On Rafah’ पोस्ट को 24 घंटे में 29 मिलियन से ज्यादा बार इंस्टाग्राम पर शेयर किया जा चुका है. एक्टर, खिलाड़ी और इंफ्लुंसर इस पर पोस्ट कर रहे हैं. इस सब से वो लोग जो राफा के संघर्ष को भूल-सा गए थे, उन्हें फिर इसके बारे में याद दिलाया जा रहा है.

इस तरह के अभियान से न सिर्फ इजराइल पर बल्कि उसके समर्थकों पर भी अंतरराष्ट्रीय दबाव बन रहा है. इसके अलावा राफा के पीड़ितों को मदद करने के लिए फंडिंग को बढ़ावा भी मिलेगा. इस अभियान का असर दिखना शुरू भी हो गया है. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज (IFRC) ने बुधवार को युद्धविराम और गाजा पट्टी तक मानवीय मदद पहुंचाने का आह्वान किया है.

अल्जीरिया के संयुक्त राष्ट्र राजदूत अमर बेंडजामा ने कहा कि अल्जीरिया “राफा में हत्या को रोकने” के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का मसौदा पेश करेगा. इजराइल के हमलों के बीच, स्पेन, आयरलैंड और नॉर्वे ने मंगलवार को औपचारिक रूप से फिलिस्तीन राज्य को मान्यता दे दी है. इससे इजराइल पर दबाव बढ़ गया है और यूरोपीय संघ के देशों के बीच इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई.

किसने दिया All Eyes on Rafah स्लोगन, इजराइल क्यों कर रहा है यहां हमला?

All Eyes on Rafah… इस स्लोगन का सबसे पहले इस्तेमाल फरवरी में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के डायरेक्टर रिक पीपरकोर्न ने किया था. उनकी ये टिप्पणी इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा शहर को खाली कराने की योजना के ऐलान के बाद आई थी. यहां इजराइल का पक्ष समझना भी जरूरी है. इजराइल के अधिकारियों ने फरवरी माह में राफा में आगे बढ़ने से पहली इसकी वजह बताई थी. उन्होंने कहा कि राफा गाजा की अंतिम जगह है जहां हमास की शक्तिशाली उपस्थिति है. इस तर्क के साथ इजराइली सेना गाजा पट्टी के और अंदर आ गई है.

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