मैं और खेल सकता था लेकिन…अश्विन ने रख दी अपने संन्यास के पीछे की पूरी सच्… – भारत संपर्क
अश्विन ने संन्यास पर तोड़ी चुप्पी. (Photo: PTI)
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस दौरे पर भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन के अलावा फील्ड से बाहर की भी कई बातें सामने आईं, जो चर्चा का विषय रहीं. गाबा टेस्ट के बाद टीम के दिग्गज स्पिनर अश्विन ने अचानक संन्यास का ऐलान कर दिया था. वो सीरीज को बीच में छोड़कर वापस घर लौट गए थे. उनके इस फैसले ने सभी को हैरान कर दिया था. इस दौरान अश्विन, रोहित और हेड कोच गौतम गंभीर के बीच अनबन होने की खबरें सामने आई थीं. कई दिग्गजों उन्हें अंतिम टेस्ट नहीं खेलने देने को लेकर सवाल खड़े किए थे. अब अश्विन ने खुद इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी है.
अश्विन ने अचानक क्यों लिया संन्यास?
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल ‘ऐश की बात’ पर संन्यास को लेकर बात किया है. उन्होंने अपने फैसले के पीछे का कारण बताया है. अश्विन के मुताबिक उनकी क्रिएटिविटी खत्म हो चुकी थी. उन्हें ऐसा लगने लगा था कि उनका काम खत्म हो चुका है. इसलिए संन्यास लेने का फैसला किया.
अश्विन ने कहा कि ‘मैं बहुत सोचता हूं कि जीवन में आगे क्या करना है. आप सभी को समझना होगा कि ये सब अपने आप होता है. अगर किसी को लगने लगता है कि उसका काम पूरा हो चुका है. एक बार ऐसे ख्याल आने लगते हैं तो फिर कुछ सोचने का मतलब नहीं. मैं कुछ क्रिएटिव करने की नहीं सोच पा रहा था. मुझे लगा कि ये बात मेरे अंदर खत्म हो चुकी है. इसलिए संन्यास लेने का फैसला किया.’
‘मैं और खेल सकता था लेकिन…’
अश्विन ने उनके संन्यास के बाद हुई हलचल और फैंस की ओर से फेयरवेल टेस्ट नहीं मिलने पर उठाए जा रहे सवालों का भी जवाब दिया. अश्विन ने कहा कि ‘लोगों ने बहुत कुछ कहा लेकिन ये इतनी बड़ी चीज नहीं थी. आपको लगा ये क्या हो गया? मैंने पहला मैच नहीं खेला, दूसरा खेला. फिर तीसरे से बाहर हो गया और हो सकता है कि अगले मैच में खेलता. अगर फेयरवेल टेस्ट नहीं मिला तो इससे क्या फर्क पड़ता है. जरा सोचिए कि टीम में मेरी जगह नहीं बनती है लेकिन सिर्फ फेयरवेल के लिए मुझे टीम में रखा गया है. मैं खेलने के लिए उतरुं और लोग तालियां बजा रहे हैं. मुझे ये पसंद नहीं और ना ही ये सब चाहिए.’
अश्विन के मुताबिक वो और क्रिकेट खेल सकते थे लेकिन टीम में उनकी जगह नहीं बची थी. उनका कहना है कि उनके अंदर अभी भी क्रिकेट बची है, जिसे वो आगे खेलना चाहते हैं लेकिन इंडियन ड्रेसिंग रूम से नहीं बल्कि कहीं और से. उन्होंने कहा कि ‘मैं और खेल सकता था लेकिन संन्यास लेना तभी अच्छा जब लोग पूछे अभी क्यों, तब नहीं जब लोग बोले अभी क्यों नहीं.’