मुझे नहीं पता कौन खेला करेगा…फ्लोर टेस्ट से पहले मांझी के समर्थन में आए…

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मुझे नहीं पता कौन खेला करेगा…फ्लोर टेस्ट से पहले मांझी के समर्थन में आए…

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राज्य के नवगठित मंत्रिमंडल में अपने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के लिए अधिक हिस्सेदारी की मांग की है. मांझी के बेटे संतोष सुमन रविवार को राज्य में एनडीए सरकार के गठन के दौरान मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. संतोष कुमार ने कहा कि वह ‘उच्च जाति के उम्मीदवार के लिए’ एक और कैबिनेट बर्थ चाहते हैं. बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी मांझी का समर्थन करते हुए वर्तमान परिस्थिति में उनकी मांग को जायज करार दिया है.

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान का कहना है, ‘मुझे नहीं पता कि उनकी (जीतन राम मांझी) गठबंधन के अंदर क्या बातचीत हुई है. वह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी थे. मुझे नहीं पता कि कौन खेला करेगा.”

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उन्होंने कहा कि उनके पास विधायकों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन वर्तमान परिस्थिति में वे काफी महत्वपूर्ण हैं. अगर गठबंधन में ऐसी बात हुई हो तो उसे पालन किया जाना चाहिए. गठबंधन के भीतर के मामलों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने से नुकसान होगा. ऐसे ये बातें खुद ही साफ हो जाएगी.

मांझी ने मांगा एक और मंत्री पद, चिराग ने किया समर्थन

इसके पहले मांझी ने कहा था कि राज्य में एनडीए सरकार के गठन से पहले उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से बात की थी कि HAM दो कैबिनेट बर्थ चाहता है. उनके पास अनुसूचित जाति से एक मंत्री है. अब वे चाहते हैं कि उनकी पार्टी से एक उच्च जाति के नेता को शामिल किया जाए.

HAM के सूत्रों ने कहा कि पार्टी के संस्थापक मांझी, भूमिहार नेता अनिल कुमार के लिए वकालत कर रहे थे, जो टेकारी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, जिसके कुल चार विधायक हैं. मांझी, जिन्होंने 2022 में एनडीए का साथ छोड़ दिया था, वो छह महीने पहले भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में लौट आए थे.

महागठबंधन ने मांझी को दिया था सीएम बनाने का प्रस्ताव

मांझी ने सुमित कुमार सिंह का नाम लिए बिना कहा था कि आखिरकार, एक निर्दलीय को भी मंत्री पद मिल गया है. मांझी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की है और उम्मीद है कि जब कैबिनेट विस्तार होगा तो उनकी मांग पर ध्यान दिया जाएगा.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मांग को नजरअंदाज किया गया तो यह अन्याय होगा. उन्होंने कहा कि महागठबंधन (कांग्रेस, राजद और वाम गठबंधन) के नेताओं ने उनके परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश करके उन्हें लुभाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने इस प्रलोभन का विरोध किया और एनडीए के प्रति वफादार रहे. उनकी मांग मगध क्षेत्र की सामाजिक गतिशीलता में भी निहित है, जहां से वह आते हैं. इस बारे में पूछे जाने पर चिराग ने कहा कि हर विपक्ष यह चाहता है.

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