मैंने भीख का कटोरा तोड़ दिया है… नकदी संकट के बीच पाक पीएम…- भारत संपर्क

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मैंने भीख का कटोरा तोड़ दिया है… नकदी संकट के बीच पाक पीएम…- भारत संपर्क
मैंने भीख का कटोरा तोड़ दिया है... नकदी संकट के बीच पाक पीएम का बड़ा बयान

पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ़

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत ये है कि वह अब भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मिले बेल आउट पैकेज के भरोसे चल रहा है. इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने एक बड़बोला बयान दिया है. शहबाज़ शरीफ़ ने गुरुवार को कहा कि अब वह दिन जा चुके हैं जब पाकिस्तान के अधिकारी आर्थिक संकट से निपटने के लिए ‘भीख का कटोरा’ लेकर मित्र देशों के पास जाया करते थे. उन्होंने इस ‘भीख के कटोरे’ को तोड़ दिया है.

दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एक दिन की यात्रा पर हैं. उन्होंने इसी दौरान ये बयान दिया. पाकिस्तान और यूएई के बीच लंबे समय से धार्मिक-सांस्कृतिक संबंध हैं.

मैंने भीख का कटोरा तोड़ दिया

जियो न्यूज ने प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के हवाले से कहा है, ”वे दिन गए जब मैं अपने मित्र देशों में भीख का कटोरा लेकर जाता था. मैंने वह कटोरा तोड़ दिया है. पाकिस्तान के अधिकारी अब आर्थिक संकट से निपटने के लिए भीख का कटोरा लेकर मित्र देशों के पास नहीं जाएंगे.”

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उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब भी संकट के दौर से गुजर रही है. यहां महंगाई चरम पर है, लोगों पर टैक्स का बोझ बढ़ रहा है और पाकिस्तान सरकार अब भी कर्ज के भारी बोझ तले दबी है. हालांकि आईएमएफ के बेलआउट पैकेज से पाकिस्तान को राहत मिली है, वहीं बेलआउट पैकेज की शर्तों के चलते वहां आर्थिक सुधारों पर काम हो रहा है.

और क्या बोले पीएम शहबाज़ शरीफ़?

यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को अपना ‘भाई’ बताते हुए पीएम शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि उन्होंने अपने महान पिता की तरह एक भाई की तरह परिवार के सदस्य की तरह पाकिस्तान का समर्थन किया है. लेकिन आज वह यहां इस महान देश में हैं, और वे यहां कर्ज मांगने के लिए नहीं बल्कि संयुक्त सहयोग, संयुक्त निवेश की तलाश में आए हैं. हालांकि इस कार्यक्रम में यूएई के राष्ट्रपति मौजूद नहीं थे.

मार्च में सत्ता में आने वाली नई सरकार के प्रधानमंत्री बने शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि इनसे निवेशकों को पारस्परिक लाभ होगा और कड़ी मेहनत और आधुनिक उपकरणों और कौशल की मदद से लाभांश प्राप्त किया जाएगा. उन्होंने पाकिस्तान की आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से, यानी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए आईटी कौशल को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया.

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