मैं ससुराल नहीं जाउंगी…हैरान कर देगी रीवा की टॉयलेट एक प्रेम कथा | Rewa B… – भारत संपर्क

चाकघाट पुलिस, रीवा
पिछले दिनों एक फिल्म आई थी, नाम था टॉयलेट एक प्रेम कथा. इस फिल्म में नायिका ससुराल में टॉयलेट नहीं होने पर मायके चली जाती है. इसके बाद नायक काफी लंबी लड़ाई लड़कर टॉयलेट बनवाता है और नायिका वापस लौटती है. यह तो हुई फिल्म की बात. ठीक ऐसी ही एक घटना मध्य प्रदेश के रीवा जिले में देखने को मिली है. यहां भी एक दुल्हन ससुराल में टॉयलेट नहीं होने पर मायके लौट गई है. वहीं उसके पति ने मनाने की लाख कोशिशों के बाद अब पुलिस से मदद मांगी है.
दिक्कत है कि पुलिस उसे किसी तरह की मदद कर पाने में सक्षम नजर नहीं आ रही. मामला रीवा के त्योंथर तहसील क्षेत्र में एक गांव आमव गांव का है. इस गांव के रहने वाले युवक प्रदीप मिश्रा की पिछले दिनों शादी हुई थी. शादी के बाद से ही दुल्हन घर में टॉयलेट बनाने के लिए पति पर दबाव बना रही थी. बावजूद इसके जब प्रदीप मिश्रा टॉयलेट नहीं बनवा पाया तो दो महीने पहले उसकी दुल्हन घर छोड़ कर मायके लौट गई. कुछ दिन इंतजार करने के बाद प्रदीप मिश्रा ससुराल पहुंचे और अपनी पत्नी को मनाने की खूब कोशिशें की.
पुलिस को दी शिकायत
अपनी मजबूरियां बताई, बावजूद इसके दुल्हन का दिल नहीं पसीजा. उसने साफ कह दिया कि अब तो ससुराल वापसी तभी होगी, जब वहां टॉयलेट बन जाएगा. उस समय तक वह मायके में रहकर इंतजार करेगी. वहां से लौटने के बाद प्रदीप मिश्रा ने ग्राम पंचायत से लेकर शासन प्रशासन तक से खूब गुहार लगाई. कहीं बात नहीं बनी तो अब पुलिस में शिकायत दी है. उधर, पुलिस का कहना है कि यह मामला प्रशासन और पंचायत के क्षेत्राधिकार का है.इसमें पुलिस की कोई भूमिका नहीं.
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सरकारी मदद पर्याप्त नहीं
पीड़ित पति प्रदीप मिश्रा का कहना है कि घर में रोजी रोटी चलाने के लिए वह खुद इंदौर में रहकर महज 10 हजार रुपये की नौकरी करता है. इतनी कम तनख्वाह में वह अपने घर में टॉयलेट नहीं बनवा सकता. उसने बताया कि सरकारी टॉयलेट बनवाने के लिए उसने पंचायत से लेकर शासन प्रशासन में भी गुहार लगाई है, लेकिन वहां से स्वच्छता अभियान के तहत इतना भी पैसा नहीं मिल पा रहा कि टॉयलेट का स्ट्रक्चर भी खड़ा हो सके. पीड़ित ने बताया कि गांव में पिछले साल स्वच्छता अभियान के तहत एक टॉयलेट बनाया गया था, लेकिन खराब गुणवत्ता की वजह से वह इस समय काम लायक नहीं है.