राष्ट्रपति हो तो ऐसा! महीने भर में ही बदल दी देश की सूरत, फैसलों से खुश IMF ने भी खोल…

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राष्ट्रपति हो तो ऐसा! महीने भर में ही बदल दी देश की सूरत, फैसलों से खुश IMF ने भी खोल…

आप जानते ही हैं कि आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष क्या है. ये संयुक्त राष्ट्र की एक फाइनेंसियल एजेंसी है. दुनियाभर के देशों को कर्ज देती है. कोई सरकार चाहती तो नहीं कि उसको आईएमएफ की शरण में जाना पड़े मगर कई दफा मुल्क की आर्थिक स्थिति इतनी चरमराई हुई होती है कि सरकार के पास इसके अलावा और कोई चारा नहीं होता. अर्जेंटीना और आईएमएफ में बात बन गई है और इसको लेकर बहुत चर्चाएं हैं.

अर्जेंटीना में अभी कुछ ही दिनों पहले जेवियर मिली नए नवेले राष्ट्रपति बने हैं. कहा जा रहा है कि प्रेसिडेंट बनने के बाद मिली ने कुछ साहसिक कदम उठाए हैं जिसको ध्यान में रखकर अर्जेंटीना के लिए आईएमएफ ने करीब पौने पांच बिलियन डॉलर के कर्ज की मंजूरी दे दी है. मिली जब शासन में आए थे तब अर्जेंटीना भयंकर आर्थिक सुस्ती से जूझ रहा था.

कहा जा रहा है कि मिली ने सरकार में आने के बाद कुछ बेहद महत्त्वपूर्ण फैसले किए. जिनमें बड़े पैमाने पर कई मदों में होने वाली खर्च कटौती भी शामिल थी. इसकी आईएमएफ ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की. आईएमएफ का कहना है कि वह मिली के इन्हीं प्रयासों को ही जहन में रख कर 4.7 बिलियन डॉलर के कर्ज के जरिये अर्जेंटीना में आर्थिक स्थिरता लाने की कोशिश कर रही है.

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अर्जेंटीना के मौजूदा हालात

जेवियर मिली को एक लिबरल और एक अराजक पूंजीवादी नेता के तौर पर देखा जाता है. वे खुद अपने आप को अराजक पूंजीवादी कहते हैं. अर्जेंटीना में हुए राष्ट्रपति चुनाव में मिली ने देश को आर्थिक संकट से उबारने का वादा किया था. अर्जेंटीना दशकों से आर्थिक संकट से जूझ रहा है. अर्जेंटीना साउथ अमेरिका की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक गड़बड़ आर्थिक मैनेजमेंट की वजह से अर्जेंटीना में महंगाई 200 फीसदी से भी अधिक को पार कर गया है. वहीं गरीबी का स्तर भी देश में 40 फीसदी तक बढ़ गया है. देश में बड़े पैमाने पर नोटों की छपाई और महंगाई के कारण लोगों का गुस्सा बढ़ता चला गया. मिली के शासन में आने के बाद जब खर्च के मद में कटौती की गई तो इस पर भी देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए मगर आईएमएफ ने उन सुधारों और मिली के आर्थिक नीतियों की तारीफ की.

ऐसे बदल दी देश की सूरत

मिली के जिन कदमों की खूब चर्चा रही और जिसे आर्थिक सुधार की दिशा में अहम माना गया, उनमें पहला था अर्जेंटीना की करेंसी पेसो का करीब 50 फीसदी तक डिवैल्यूएशन और दूसरा मंत्रालयों की संख्या को एकदम से आधी कर देना. साथ ही ईंधन, गैस और ट्रांसपोर्ट के मद में दी जा रही सब्सिडी को कम करना.

इसके अलावा पुराने सैंकड़ों नियमों को समाप्त कर दिया ताकि अर्थव्यवस्था को खोला जा सके. मिली का कहना था कि भले फिलहाल ये फैसले झटके लग रहे हों पर आगे जाकर चीजें बेहतर होंगी. आर्थिक तौर पर तंगहाल अर्जेंटीना को पटरी पर लाने के लिए मिली बड़े फैसले कर रहे हैं जिसको आईएमएफ ने सराहा है मगर अर्थव्यवस्था क्या इससे आने वाले दिनों में उबर जाएगी, ये एक बड़ा सवाल है.

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