चुनाव के नतीजों में हुआ अगर जरा भी फेरबदल, धड़ाम से 10 फीसदी…- भारत संपर्क

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चुनाव के नतीजों में हुआ अगर जरा भी फेरबदल, धड़ाम से 10 फीसदी…- भारत संपर्क

चुनावी नतीजों से पहले शेयर बाजार में मुनाफावसूली जारी है. 1 जून को आखिरी चरण के मतदान खत्म हो चुके हैं. साथ में एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आ गए हैं. अब समय आम निवेशक के मन में खड़े हो रहे उन सवालों के जवाब देने का है, जो मार्केट में जारी उठापटक से पैदा हो रहे हैं. चलिए यह समझने की कोशिश करते हैं कि किस पार्टी की सरकार बनने पर मार्केट कैसा रिएक्ट करेगा? अगर एनडीए की सरकार नहीं बनी तो मार्केट में कितनी बड़ी रिकवरी देखने को मिलेगी?

बाजार में बंपर तेजी की गुंजाइश कम?

आईटीआई म्यूचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर राजेश भाटिया का कहना है कि अगर बीजेपी 2019 की तरह बहुमत हासिल करती है तो इक्विटी बाजार में उछाल देखने को मिल सकता है. बिजनेस टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, करूर वैश्य बैंक के ट्रेजरी हेड वीआरसी रेड्डी का कहना है कि रुपया गुरुवार को बंद होने के समय डॉलर के मुकाबले 83.32 से बढ़कर 82.80 के स्तर पर पहुंच सकता है, जबकि बेंचमार्क बॉन्ड यील्ड वर्तमान में 7 प्रतिशत के करीब से घटकर 6.90-6.92 प्रतिशत हो सकता है.

गिरावट से उबरने में लगेगा लंबा समय

कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स केचीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट जितेंद्र गोहिल ने चेतावनी दी है कि अगर एनडीए गठबंधन अगली सरकार बनाने में विफल रहता है, तो शेयर बाजार में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ सकती है और इसे पूरी तरह से ठीक होने में लंबा समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे नतीजे की संभावना कम है, लेकिन गोहिल ने कहा कि निवेशकों के लिए पोर्टफोलियो में विविधता लाना और चुनाव नतीजों से पहले जोखिम कम करना समझदारी भरा कदम होगा, क्योंकि बढ़त सीमित हो सकती है, लेकिन गिरावट गंभीर हो सकती है. मतलब ये कि अगर सबकुछ उम्मीद के मुताबिक हुआ तो बंपर तेजी नहीं देखने को मिलेगी, लेकिन जरा भी आंकड़ा इधर-उधर हुआ तो बाजार में भयंकर गिरावट देखने को मिल जाएगी.

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10 फीसदी तक आ सकती है गिरावट?

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के सीनियर फंड मैनेजर मित्तुल कलावाडिया ने रॉयटर्स से कहा कि बाजार निरंतरता की उम्मीद कर रहा है, इसलिए किसी अन्य पार्टी के जीतने पर अचानक प्रतिक्रिया हो सकती है. उन्होंने कहा कि लंबे समय में चीजें सकारात्मक होंगी या नकारात्मक, यह हमें बाद में पता चलेगा, लेकिन शॉर्ट टर्म में कोई भी बदलाव जो नीति स्तर की निरंतरता को प्रभावित करता है, वह बहुत नकारात्मक होगा.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, आईएफए ग्लोबल के अभिषेक गोयनका ने कहा कि उन्हें फैसले के तुरंत बाद ऐसे परिदृश्य में बेंचमार्क शेयर बाजार सूचकांक में 10 प्रतिशत तक की गिरावट की उम्मीद है, जबकि शेयरखान के गौरव दुआ का कहना है कि गिरावट 15-20 प्रतिशत तक हो सकती है.

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