ट्रंप की जेलेंस्की से मुलाकात, अगर नहीं बनी बात तो क्या होगा? – भारत संपर्क

0
ट्रंप की जेलेंस्की से मुलाकात, अगर नहीं बनी बात तो क्या होगा? – भारत संपर्क

आज रात सिर्फ यूक्रेन ही नहीं, बल्कि यूरोप के भविष्य का फैसला भी होगा. यही वजह है अमेरिकी राष्ट्रपति ने मुलाकात से पहले ही जेलेंस्की पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. हालांकि जेलेंस्की ट्रंप के दबाव में आकर शर्ते मानेंगे इसकी उम्मीद बेहद कम है. ऐसे में सवाल है कि अगर ट्रंप-जेलेंस्की और यूरोप के बीच बात नहीं बनी तो क्या होगा. क्या पुतिन युद्ध का विस्तार यूरोप तक करने की हरी झंडी देंगे. अगर हां, तो अमेरिका का स्टैंड क्या होगा…

यहां होने वाली मुलाकात ना सिर्फ यूक्रेन बल्कि पूरे यूरोप का भविष्य तय करेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि ट्रंप जेलेंस्की को राजी करने के लिए लालच, धमकी या दबाव की नीति का इस्तेमाल कर सकते हैं. ट्रंप ने जेलेंस्की पर मुलाकात से पहले ही दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

ट्रंप ने शुरू किया अपना खेल

ट्रंप ने आखिरी फैसला लेना का अधिकार जेलेंस्की का हाथ में दिया है. साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर उन्होंने पुतिन की शर्तों पर युद्ध विराम नहीं किया, तो क्रीमिया की तरह ही यूक्रेन की बाकी जमीन रूस बल से छीन लेगा और कोई कुछ नहीं कर सकेगा. दरअसल पुतिन पहले ही साफ कर चुके हैं कि अगर युद्धविराम पर बात नहीं बनती, तब भी वो लुहांस्क, डोनेस्क, जेपोरिजिया, खेरसोन पर कब्जा करके रहेंगे. ऐसे में सवाल है कि समझौता नहीं होने पर अमेरिका के पास क्या विकल्प होगा.

माना जा रहा है कि इसके बाद अमेरिका खुद को युद्ध से अलग कर सकते हैं. ठीक उसी तरह जैसे पहले और दूसरे विश्वयुद्ध के शुरुआती दौर में युद्ध से दूर रहा था. अमेरिका तब तक तटस्थ रहेगा, जब तक जंग का विस्तार यूरोप तक नहीं हो जाता. यूरोप तक जंग फैलने के बाद अमेरिका जीतने वाले पक्ष के साथ शामिल हो सकता है.

विश्वयुद्ध में कब शामिल हुआ अमेरिका?

पहला विश्व युद्ध 1917 और दूसरे विश्वयुद्ध अप्रैल 1917 दोनों विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने शुरुआती दौर में दूरी बनाकर रखी थी. पहला विश्व युद्ध शुरू होने के 3 साल बाद अप्रैल 1917 में अमेरिका ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की. जबकि दूसरा विश्व युद्ध शुरू होने के करीब 2 साल बाद जापान के खिलाफ युद्ध का एलान किया और मित्र राष्ट्रों के साथ जंग में कूद पड़ा. दोनों बार अमेरिकी विजयी गुट का हिस्सा रहा, हालांकि हर बार अमेरिका के युद्ध में शामिल होने की एक खास वजह रही. लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका ने रणनीति के तहत मजबूत दल का पक्ष लिया था.

अब माना जा रहा है कि अगर यूक्रेन युद्ध. यूरोप तक फैला तो अमेरिका रूस या फिर यूरोप किसका साथ देगा. ये फैसला युद्ध में उनकी आर्थिक और सैन्य मजबूती के आंकलन पर होगा.

दुनिया को शांति की उम्मीद

व्हाइट हाउस में होने वाली मुलाकात से दुनिया को शांति की उम्मीद जरूर है. लेकिन इसकी संभावना बेहद कम है और इसकी वजह है, यूरोप की तैयारियां. जो यूक्रेन जंग के विस्तार की बड़ी वजह बन सकती है. दरअसल फ्रांस और ब्रिटेन ने युद्धविराम के बाद का प्लान तैयार किया है. वो यूक्रेन में reassurance force तैनात करने की तैयारी में हैं,
यूरोपीय देशों ने फ्रांस और ब्रिटेन के फैसले पर सहमति जताई है.

जेलेंस्की की ट्रंप से मांग

जेलेंस्की युद्धविराम के बाद सुरक्षा की गारंटी के लिए ट्रंप से इसकी मांग कर सकते हैं. हालांकि पुतिन यूक्रेन में reassurance force तैनात करने के लिए राजी होंगे. इसकी उम्मीद ना के बराबर है. नाटो ने पूर्वी यूरोप के कुल 9 देशों में reassurance force तैनात कर रखी है. ये सहयोगी देशों को सुरक्षा की गारंटी देती है.

Reassurance force एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, फिनलैंड, बुल्गारिया, हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया में तैनाl है. इसमें 4 देशों की सेना जहां उत्तर-पश्चिमी रूस की सरहद से लगती है. वहीं पोलैंड की सीमा रूस के मित्र देश बेलारूस से सटी है. इसके अलावा रोमानिया और बुल्गारिया काला सागर से जुड़े हैं. यानी सिर्फ यूक्रेन ही वो हिस्सा है, जहां नाटो सैनिक रूसी बॉर्डर के पास नहीं है. ऐसे में इस हिस्से में पुतिन reassurance force की तैनाती के लिए कभी हां नहीं भरेंगे.

क्रूज मिसाइल फ्लेमिंगो का प्रोडक्शन शुरू

ऐसे में यूरोप के सामने सिर्फ 1 ही विकल्प शेष है. वो लगातार यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई देकर रूस को युद्ध में उलझाकर रखे. माना जा रहा है कि यूरोप ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है. दावा है यूक्रेन ने अपनी लॉन्ग रेंज क्रूज मिसाइल फ्लेमिंगो का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है.

यूक्रेन इसे भले अपनी स्वदेशी मिसाइल बता रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि इसकी तकनीक उसे यूरोप से मिली है. ताकि वो रूस में 3000 किमी अंदर तक हमले कर सके और यूरोप पर कोई आरोप भी ना लगे.

ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी 9 भारतवर्ष

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Yoga Free Course: फ्री में करें योग की पढ़ाई, नहीं लगेगा एक भी रुपया, टीचर बन…| *मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिले के 8 स्कूलों के नवीन भवन…- भारत संपर्क| ट्रंप की जेलेंस्की से मुलाकात, अगर नहीं बनी बात तो क्या होगा? – भारत संपर्क| जुआ खेलते 9 आरोपी गिरफ्तार, ₹41,505 नकद और 11 मोबाइल जब्त — भारत संपर्क| जंगल में महिला की हत्या,गांव में सनसनी, संदेही युवक को…- भारत संपर्क