गुरु गुणी मिल जाए तो शिष्य धन्य और शिष्य श्रेष्ठ मिल जाए तो…- भारत संपर्क
गुरु गुणी मिल जाए तो शिष्य धन्य और शिष्य श्रेष्ठ मिल जाए तो गुरु धन्य-आचार्य नूतन पांडेय, सिंचाई कालोनी बरपाली में श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ का हो रहा आयोजन
कोरबा।कन्या ,पुत्रवधु ,भतीजी ,भांजी ये पुत्री समान होते हैं इन पर कुदृष्टि डालने वाले मृत्युदंड के भागी होते हैं। यही वजह है कि भगवान श्री राम ने बाली को भाईबहु (सुग्रीव )की पत्नी का अपहृत करने पर मृत्युदंड दिया।उक्त बातें तिलकेजा से पधारे कथाव्यास आचार्य आचार्य (पंडित )नूतन कुमार पाण्डेय ने सिंचाई कॉलोनी बरपाली स्थित मां मड़वारानी मंदिर में चैत्र नवरात्रि के उपलक्ष्य में दीपका निवासी शिवम जायसवाल द्वारा आयोजित श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस आयोजित रामकथा के कथा प्रसंग के दौरान कही। आचार्य श्री पांडेय ने कहा कि अगर गुरु गुणी मिल जाए तो शिष्य धन्य हो जाता वहीं शिष्य श्रेष्ठ मिल जाए तो गुरु धन्य हो जाता है ,दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं। राम श्रेष्ठ शिष्य के प्रतीक हैं। आचार्य श्री पांडेय ने कहा कि दुनिया मे दानों में सर्वश्रेष्ठ दान कन्यादान है इस दान के आगे संसार के सारे दान फीके हैं।उन्होंने राजा दशरथ -जनक संवाद का वर्णन करते हुए कहा कि कन्यादान प्राप्त करने वाले को राजा दशरथ जी की तरह हमेशा कृतज्ञ रहना चाहिए।अनुकरणीय उदाहरण पेश करना चाहिए। आचार्य श्री पांडेय ने कहा कि रावण से बड़ा शिवभक्त इस संसार मे कोई नहीं , रावण द्वारा प्रतिष्ठित शिवलिंग वहीं जगतकल्याण निमित्त प्रतिस्थापित हो गए । उन्होंने नवरात्रि में मां जगदम्बा की आराधना का बखान करते हुए कहा कि शिव जी ने भगवान राम को रावण पर विजय प्राप्त करने से पूर्व नवरात्रि करने की सलाह दी थी। विधि विधान से नवरात्रि में मां जगदम्बा की पूजा अर्चना कर भगवान श्री राम ने रावण को मारकर सहस्त्र आसुरी शक्ति का विनाश कर विभीषण को राज्याभिषेक कर सपत्नीक अयोध्या प्रस्थान किया। आचार्य श्री पांडेय उपस्थित श्रोताओं से कहा कि क्रोध करना उचित नहीं होता,लेकिन परिस्थितिजन्य क्रोध भी आवश्यक है। सहयोगी आचार्यगण भूपेंद्र कुमार पाण्डेय ,मोनू पाण्डेय ,विनायक पाण्डेय सहित म्यूजिकल टीम संगीतमय श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ महोत्सव संपन्न कराएंगे। 9 दिन तक सिंचाई कालोनी बरपाली माता की आराधना से गुंजायमान होगा।