गलती से चुन लिया नया टैक्स रिजीम तो क्या अभी भी कर सकते हैं…- भारत संपर्क

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गलती से चुन लिया नया टैक्स रिजीम तो क्या अभी भी कर सकते हैं…- भारत संपर्क
गलती से चुन लिया नया टैक्स रिजीम तो क्या अभी भी कर सकते हैं स्विच, क्या है तरीका?

आईटीआर भरने के लिए अनिवार्य है फॉर्म-16?

सरकार पिछले साल बजट में नई टैक्स की व्यस्वस्था लाई थी, जिसके बाद कई सारे लोगों ने बिना सोचे पुरानी टैक्स व्यवस्था से नई में स्विच कर लिया था. अब जब नए वित्तीय साल की शुरुआत हो चुकी है और इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय नजदीक आ रहा है, तो लोगों मन में सवाल है कि क्या वो नई से पुरानी टैक्स व्यवस्था में फिर से स्विच कर सकते हैं? अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो आइए जानते हैं क्या है इसका जवाब.

दो तरह के होते हैं टैक्सपेयर्स

इनकम टैक्स भरने वालों में दो तरह के लोग होते हैं. एक बिजनेस क्लास और दूसरे सैलरीड क्लास. इन दोनों के लिए ही टैक्स रिजीम चुनने के अवसर भी अलग-अलग होते हैं. बिजनेस से आय कमाने वाले लोगों को टैक्स रिजीम बदलने का मौका केवल एक ही बार मिलता है. एक साल में नहीं, बल्कि लाइफटाइम में वे केवल एक ही बार दोनों टैक्स रिजीम के बीच स्विच कर सकते हैं.

सैलरीड क्लास वाले कब कर सकते हैं बदलाव

इसके उलट, सैलरी पाने वाले लोग हर साल अपना रिजीम स्विच कर सकते हैं. मान लीजिए, पिछले साल आपने नए टैक्स रिजीम के हिसाब से टैक्स भरा, लेकिन इस बार आपको लगता है कि पुराना टैक्स रिजीम चुन लेना बेहतर होता तो आप स्विच कर सकते हैं. हर साल की शुरुआत में कर्मचारी को अपने नियोक्ता को यह बताना होता है कि वह किस रिजीम के तहत अपना टैक्स कटवाना चाहता है. कर्मचारी अपनी मर्जी से दोनों में से कोई भी चुन सकता है और नियोक्ता को उसी के आधार पर सैलरी पर टैक्स काटना होगा.

क्या आप बदल सकते हैं टैक्स रिजीम?

इस नए वित्त वर्ष में यदि आप पुराने की जगह नया टैक्स रिजीम चुन बैठे हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है. जब आप इस असेसमेंट ईअर का रिटर्न भर रहे होंगे, तब आप पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुन पाएंगे. तो क्या अभी तुरंत टैक्स रिजीम नहीं बदल सकते? इस मामले में बहुत कुछ आपकी कंपनी पर निर्भर करता है. कंपनी की पॉलिसी अगर ऐसी है कि आप तुरंत बदल सकते हैं तो बदल पाएंगे. यदि कंपनी की पॉलिसी इसे सपोर्ट नहीं करती तो नहीं.

करना होगा ये काम

अगर आपको तुरंत ही इसे बदलवाना है तो आप अपने एचआर विभाग से बात करके इसकी प्रक्रिया जान सकते हैं. हो सकता है कि आपको आधिकारिक तौर पर ईमेल करके अपने और एचआर मैनेजर के अप्रूवल के बाद तुरंत ही रिजीम बदलने का अवसर भी मिल जाए. ऐसा इसलिए क्योंकि आपने केवल अपनी कंपनी को टैक्स काटने की दो में से एक व्यवस्था चुनकर दी है. कंपनी उसी आधार पर टैक्स काटेगी. यह कम्युनिकेशन केवल आपके और आपकी कंपनी के बीच है, न कि आपके और इनकम टैक्स विभाग के बीच.

डिफॉल्ट है नई टैक्स रिजीम

बता दें कि 2023 के आम बजट में नई टैक्स प्रणाली को डिफॉल्ट रिजीम बना दिया गया है. अगर आप नए वित्त वर्ष के शुरू में कोई भी टैक्स व्यवस्था नहीं चुनते हैं तो आपका टीडीएस नए रिजीम के हिसाब से ही कटेगा. आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपको कौन-सा टैक्स रिजीम ऑप्ट करना है.

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