अफगानिस्तान में चोरी-छिपे महिलाएं चला रही थी सैलून, तालिबान ने छापा मार की कार्रवाई – भारत संपर्क

तालिबान लगातार महिलाओं पर अपनी दमनकारी नीतियां लागू कर रहा है. काबुल में महिलाओं को लगभग सभी ऐसे काम से दूर कर दिया गया है, जो पुरुषों के साथ मिलकर किए जाते हैं. साथ ही काबुल की फैशन इंडस्ट्री भी तालिबान के आने के बाद ठप हो गई है. AMU न्यूज के मुताबिक तालिबान के नैतिकता प्रवर्तकों ने पिछले दो दिनों में काबुल में चोरी छिपे चल रहे महिला ब्यूटी सैलूनों पर छापा मारा है.
तालिबान अधिकारियों ने रेड के बाद कई ब्यूटीशियनों को हिरासत में लिया है और उनके उपकरण जब्त कर लिए हैं. तालिबान की ये रेड दश्त-ए-बारची और काबुल शहर के शहर-ए-नव इलाके में हुई, जहां महिलाएं छिपकर सैलून चला रही थीं. बता दें कि 2023 में तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के आदेश के ऐसे सैलूनों पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया था.
ब्यूटीशियनों से कई घंटों की पूछताछ
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि तालिबान की मोरल पुलिस ने कई घंटों की पूछताछ के बाद ब्यूटीशियनों को रिहा कर दिया है, लेकिन कुछ ने कहा कि हिरासत के दौरान उनका अपमान और किया गया है. एक ब्यूटीशियन ने AMU को बताया, “जब उन्हें पता चला कि हम काम कर रहे हैं, तो उन्होंने हमारे घर पर धावा बोल दिया और हमें गालियां दीं. हम अपने परिवार के कमाने वाले हैं, इन सैलून के बंद होने और लगातार मिल रही धमकियों ने हमें गंभीर संकट में डाल दिया है.”
तालिबान की निंदा
एक बार फिर इस घटना ने तालिबान शासन विरोधियों को गुस्से में ला दिया है. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इन छापों की निंदा की और इन्हें महिलाओं की आजादी और आजीविका पर तालिबान के व्यवस्थित दमन का हिस्सा बताया है.
एक एक्टिविस्ट ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले पर प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया है. एक्टिविस्ट ने कहा “यह सिर्फ़ ब्यूटी सैलून बंद करने की बात नहीं है, यह महिलाओं के आर्थिक अस्तित्व और सार्वजनिक मौजूदगी के आखिरी रास्ते को छीनने की बात है.”