इनवॉइस डिस्काउंटिंग में मिलता है FD से दोगुना फिक्स रिटर्न,…- भारत संपर्क
अक्सर ये सुनने को मिल जाता है कि अधिक रिटर्न पाने के लिए लंबी अवधि के लिए निवेश करना जरूरी होता है. जबकि यह नहीं सही है, कुछ निवेश विकल्प इसके अपवाद हैं. इनवॉइस डिस्काउंटिंग उनमें से एक है. इसमें आप कम निवेश अवधि के लिए अधिक रिटर्न कमा सकते हैं. तो आइए समझते हैं कि इनवॉइस डिस्काउंटिंग क्या है और क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए.
कैसे काम करता है ये ऑप्शन?
इनवॉयस डिस्काउंटिंग प्रक्रिया में कंपनी द्वारा भुगतान न किए गए इनवॉयस को बैंक, एनबीएफसी या निवेशकों (इनवॉयस डिस्काउंटिंग प्लेटफॉर्म पर) को आंशिक मूल्य पर बेचा जाता है, जिसपर औसतन 12-14% का सालाना फिक्स्ड रिटर्न मिलता है.
इनवॉइस डिस्काउंटिंग का कॉन्सेप्ट स्टार्ट-अप, माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) की वर्किंग कैपिटल की समस्या को सॉल्व करने की दिशा में काम करती है. जब ये कंपनियां बड़ी कंपनियों (ब्लू चिप्स) को सामान बेचती हैं और इनवॉइस बनाती हैं, तो उन्हें भुगतान पाने के लिए क्रेडिट पीरियड समाप्त होने तक इंतज़ार करना पड़ता है. क्रेडिट अवधि 30 से 120 दिनों तक हो सकती है. यदि स्टार्ट-अप और एमएसएमई भुगतान पाने के लिए इतना लंबा इंतज़ार करते हैं, तो उनके व्यवसाय को नुकसान हो सकता है क्योंकि उन्हें व्यवसाय को बढ़ाने के लिए लगातार पैसों की जरूरत पड़ती है.
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कंपनियों को मिलता है ये फायदा
इस जरूरत को पूरा करने के लिए कंपनियां उस इनवॉइस के आधार पर मार्केट से पैसा उठाती हैं, इससे उनकी नगदी की समस्या तुरंत दूर हो जाती है. अभी जिराफ, क्रेडएक्स, टाइक, ट्रेडक्रेड, लीफ राउंड जैसे प्लेटफॉर्म अपने खुदरा निवेशकों को निवेश उत्पाद के रूप में इनवॉइस डिस्काउंटिंग प्रदान करते हैं. ये फिनटेक कंपनियों (जो अपने इनवॉइस पर छूट चाहते हैं) और खुदरा निवेशकों (जो उन्हें फंड देना चाहते हैं और लाभ कमाना चाहते हैं) के बीच के रूप में कार्य करते हैं.
अगर आप इसमें निवेश करने की सोच रहे हैं तो इन बातों को आज से ही ध्यान में रखने की आदत डाल लीजिए.
- निवेश की अवधि आमतौर पर 30 से 120 दिनों तक होती है.
- रिटर्न आमतौर पर 11 से 18% IRR तक होता है.
- इसमें आप 10,000 रुपए से लेकर 1,00,000 रुपए तक निवेश कर सकते हैं.