पंजाब में NEP 2020 का विरोध तेज, शिक्षकों और छात्रों ने लगाया ये आरोप

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पंजाब में NEP 2020 का विरोध तेज, शिक्षकों और छात्रों ने लगाया ये आरोप
पंजाब में NEP 2020 का विरोध तेज, शिक्षकों और छात्रों ने लगाया ये आरोप

(फाइल फोटो)

चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम में पंजाब के शिक्षकों, प्रोफेसरों और छात्र संगठनों ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (NEP 2020) का विरोध किया. उनका कहना है कि यह नीति पंजाब की जरूरतों को नजरअंदाज करती है. इसलिए पंजाब को अपनी अलग शिक्षा नीति बनानी चाहिए.

जेएनयू दिल्ली के प्रोफेसर विकास बाजपेयी ने कहा कि NEP में तकनीक को बहुत ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है. लेकिन इससे असली समस्या जैसे कि शिक्षकों की कमी हल नहीं होगी. उन्होंने चेतावनी दी कि इस नीति से पढ़ाई धीरे-धीरे निजी कंपनियों के हाथों में चली जाएगी.

शिक्षा को कॉरपोरेट के हवाले करने की कोशिश

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के अध्यक्ष विक्रमदेव सिंह ने कहा कि जैसे तीन कृषि कानूनों से खेती को निजी कंपनियों के हवाले किया जा रहा था, वैसे ही NEP 2020 से शिक्षा को भी कॉरपोरेट के हवाले किया जा रहा है. उन्होंने यह कहा कि ये नीति गरीब और आम छात्रों के लिए खतरा बन सकती है.

अपनी भाषा में ही हो पढ़ाई

पंजाबी यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जोगा सिंह ने कहा कि बच्चों को शुरू से लेकर यूनिवर्सिटी तक अपनी मातृभाषा में पढ़ाई मिलनी चाहिए. उन्होंने NEP में क्षेत्रीय भाषाओं को लेकर किए जा रहे दावों को कन्फ्यूज्ड करने वाला बताया.

बच्चों को सस्ते मजदूर बनाना चाहती है नीति

डेमोक्रेटिक एम्प्लॉई फेडरेशन पंजाब के अध्यक्ष जर्मनजीत सिंह ने कहा कि इस नीति के जरिए छात्रों को सस्ता लेबर बनाकर कॉरपोरेट के लिए तैयार किया जा रहा है. हरियाणा के शिक्षक नेता धर्मिंदर ढांडा ने भी यही चिंता जताई और कहा कि यह शिक्षा को निजी कंपनियों को सौंपने की कोशिश है.

छात्रों का समर्थन

पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन के धीरज कुमार ने भी इस विरोध का सपोर्ट किया. उन्होंने कहा कि उनकी यूनियन शिक्षा और छात्रों के मुद्दों पर हमेशा शिक्षकों के साथ खड़ी रहेगी.

सरकार को सौंपा जाएगा ज्ञापन

कार्यक्रम में कई प्रस्ताव पास किए गए. इसमें शिक्षा को राज्य सरकार के अधीन करने की मांग और एक राजनैतिक पार्टी के प्रवक्ता द्वारा DTF पर की गई टिप्पणी की निंदा भी शामिल थी. अंत में एक ज्ञापन तैयार किया गया जो पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंपा जाएगा.

16 अप्रैल को धरने की घोषणा

इसी कड़ी में लुधियाना के पंजाबी भवन में डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (DTF) की एक बड़ी स्टेट लेवल मीटिंग हुई, जिसमें पंजाब के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए. बैठक में सभी ने एकमत से न्यू एजुकेशन पॉलिसी और सरकार की नीतियों को शिक्षा विरोधी और जनविरोधी बताया.

DTF के राज्य अध्यक्ष दिग्विजय पाल शर्मा ने बताया कि 16 अप्रैल को पंजाब के हर जिले में शिक्षक धरने देंगे. साथ ही मई के अंत में लुधियाना में एक विशाल रैली की जाएगी, जो उपचुनाव के दौरान सरकार को शिक्षा के मुद्दों पर चेताने का कार्य करेगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक सरकार छात्रों और शिक्षकों के हित में काम नहीं करती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा.

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