Viral Video: मेट्रो में मासूम को नहीं मिली सीट तो उसने बैठाया तगड़ा जुगाड़…मासूमियत…


दिल्ली मेट्रो में बच्ची ने दिखाई समझदारी
राजधानी दिल्ली की पहचान अगर किसी चीज से सबसे ज्यादा जुड़ी है तो वह है दिल्ली मेट्रो. यहां हर दिन लाखों लोग इसका इस्तेमाल करते हैं .जिससे वो अपने टाइम पर ऑफिस पहुंच जाए. जिस कारण यहां तगड़ी भीड़ देखने को मिलती है. ऑफिस टाइम पर तो भीड़ इतनी ज्यादा हो जाती है कि लोगों को घंटों तक खड़े होकर सफर करना पड़ता है. ऐसे हालात में सीट मिलना तो किसी लॉटरी जीतने जैसा लगता है, लेकिन इसी भीड़ और परेशानी के बीच एक छोटी बच्ची का अनोखा जुगाड़ सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया.
दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने वाले लोग जानते हैं कि सीट मिलना कितना मुश्किल होता है. कई बार तो सीट को लेकर झगड़े और धक्का-मुक्की तक हो जाती है. बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे तक कई बार खड़े रहने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसे माहौल में यह बच्ची अपनी समझदारी दिखाते हुए खुद ही उपाय लेकर आई है. जिसे देखने के बाद हर किसी के चेहरे पर एक अलग ही लेवल की मुस्कान है और हर कोई बच्ची की तारीफ जमकर कर रहा है.
यहां देखिए पोस्ट
Kid brought her own chair in metro
byu/whateveryousay0 indelhi
रेडिट पर शेयर हुई एक तस्वीर इन दिनों खूब वायरल हो रही है. फोटो में एक नन्ही बच्ची मेट्रो के कोच के बीचों-बीच अपनी हरी रंग की प्लास्टिक की कुर्सी पर आराम से बैठी नजर आती है. आसपास की सारी सीटें पहले से भरी हुई थीं, लेकिन इस बच्ची ने इस समस्या का हल अपने तरीके से ढूंढ लिया. वह घर से ही अपनी कुर्सी लेकर निकली और भीड़ के बीच अपनी सीट खुद बना ली. बच्ची के बालों में दो प्यारी चोटियां बंधी हुई थीं और उसने एक रंग-बिरंगी फ्रॉक पहन रखी थी. देखने में ऐसा लग रहा था जैसे कोई छोटी सी राजकुमारी अपने सिंहासन पर बैठी हो. जिसने भी यह तस्वीर देखी, उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई.
इस फोटो को रेडिट पर whateveryousay0 नाम के अकाउंट द्वारा शेयर किया गया है. जिसे हजारों लोग देख चुके हैं और कमेंट सेक्शन में अपनी प्रतिक्रिया दिए जा रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि सच में इस दिवा ने सबको एक ऐसा मोटिवेशन दिया है. जिससे सब इंस्पायर होंगे. वहीं दूसरे ने लिखा कि यह बच्ची किसी मासूमियत और आत्मनिर्भरता का सुंदर संगम है. एक अन्य ने लिखा कि छोटी सी उम्र में उसने लोगों को यह संदेश दे दिया कि हालात चाहे जैसे हों, समाधान हमेशा मौजूद होता है.