बिलासपुर रेलवे मंडल में आरक्षित टिकट काउंटरों की संख्या घटी,…- भारत संपर्क

बिलासपुर, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) के बिलासपुर मंडल में यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के बजाय रेलवे प्रशासन ने आरक्षित टिकट काउंटरों की संख्या घटा दी है। यह निर्णय 15 मार्च 2025 से लागू कर दिया गया, जिससे कोरबा, रायगढ़, शहडोल सहित अन्य स्टेशनों पर यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

ऑनलाइन भुगतान की अनिवार्यता, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए संकट
रेलवे प्रशासन ने न केवल काउंटरों की संख्या कम की, बल्कि अब अधिकांश काउंटरों पर ऑनलाइन भुगतान ही स्वीकार किया जा रहा है। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित विशेष काउंटर भी हटा दिए गए हैं, जिससे वे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। आमजन, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के यात्री, हमेशा ऑनलाइन भुगतान करने में सक्षम नहीं होते, जिससे उन्हें आरक्षित टिकट बुक कराने में कठिनाई हो रही है।
स्टेशन सौंदर्यीकरण के नाम पर यात्रियों को हो रही असुविधा
रेलवे अधिकारियों का तर्क है कि स्टेशन के सौंदर्यीकरण और नवनिर्माण कार्यों के कारण काउंटरों को स्थानांतरित किया गया है, लेकिन यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं की अनदेखी की जा रही है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन अपने मनमाने फैसलों से जनता को असुविधा में डाल रहा है।

जनरल टिकट काउंटर हटाकर ऑटोमेटिक मशीनों पर निर्भरता
स्टेशनों पर जनरल टिकट काउंटरों की जगह अब ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीनें (ATVM) लगाई जा रही हैं। लेकिन सभी यात्री मशीनों से टिकट निकालने में सहज नहीं हैं, जिससे कई लोग या तो ट्रेन छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं या बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं, जिससे उन पर पेनल्टी लगने की आशंका बनी रहती है।
नेहरू चौक आरक्षित टिकट काउंटर बंद
बिलासपुर शहर में स्थित नेहरू चौक तहसील ऑफिस में आरक्षित टिकट काउंटर को भी पिछले एक महीने से बंद कर दिया गया है। रेलवे प्रशासन ने इसे बंद करने का कारण भवन की अनुपयुक्तता बताया है, लेकिन अब तक कोई वैकल्पिक स्थान उपलब्ध नहीं कराया गया है।
वेलफेयर फंड का गलत इस्तेमाल, जनता की सुविधा की अनदेखी
यात्रियों और शहरवासियों का आरोप है कि रेलवे प्रशासन वेलफेयर फंड का उपयोग केवल रेलवे अधिकारियों की सुविधाओं के लिए करता है, लेकिन यात्रियों की बुनियादी जरूरतों को नजरअंदाज कर रहा है। बिलासपुर सहित रायपुर, रायगढ़, कोरबा, दुर्ग और भिलाई में भी रेलवे प्रशासन सहयोगात्मक भूमिका निभाने के बजाय असुविधाजनक फैसले ले रहा है।

यात्रियों ने सोशल मीडिया पर उठाई आवाज
यात्रियों और आम जनता ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, बिलासपुर के लोकसभा सांसद तोखन साहू, विधायक अमर अग्रवाल और जिला प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया है। ट्वीट और ईमेल के जरिए यात्री सुविधाएं बहाल करने की मांग की गई है।

यात्रियों की मांग:
- आरक्षित टिकट काउंटरों की संख्या बढ़ाई जाए।
- वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष काउंटर फिर से खोले जाएं।
- ऑनलाइन भुगतान की अनिवार्यता खत्म कर नकद भुगतान की सुविधा बहाल की जाए।
- नेहरू चौक या किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर नया आरक्षित टिकट काउंटर खोला जाए।
- वेलफेयर फंड का उपयोग यात्रियों की सुविधाओं को बेहतर बनाने में किया जाए।
रेलवे प्रशासन की ओर से इस मामले पर अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यात्रियों की परेशानी को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस पर उचित निर्णय लिया जाएगा।
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