श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में 11 जुलाई से 9 अगस्त तक…- भारत संपर्क

0
श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में 11 जुलाई से 9 अगस्त तक…- भारत संपर्क

श्री पीतांबरा पीठ त्रिदेव मंदिर सुभाष चौक सरकंडा स्थित श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव जीव का महा रुद्राभिषेक नमक चमक विधि द्वारा श्रवण पर्यंत किया जाएगा इस अवसर पर प्रतिदिन चार पाठ नमक चमक द्वारा भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक प्रातः 9:00 बजे से प्रारंभ होकर दोपहर 1:00 तक चलेगा तत्पश्चात महादेव का महाआरती किया जाएगा।

पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने बताया कि रुद्र अर्थात भूतभावन शिव का अभिषेक। शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही ‘रुद्र’ कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्,द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी कि भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं।

हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का शुभाशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है।

रुद्रहृदयोपनिषद में शिव के बारे में कहा गया है कि सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा हैं। हमारे शास्त्रों में विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक के पूजन के निमित्त अनेक द्रव्यों तथा पूजन सामग्री को बताया गया है। साधक रुद्राभिषेक पूजन विभिन्न विधि से तथा विविध मनोरथ को लेकर करते हैं। किसी खास मनोरथ की पूर्ति के लिए तदनुसार पूजन सामग्री तथा विधि से रुद्राभिषेक किया जाता है।
रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली के महापाप भी जलकर भस्म हो जाते हैं और हममें शिवत्व का उदय होता है। भगवान शिव का शुभाशीर्वाद प्राप्त होता है। सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है।

रुद्राभिषेक के विभिन्न पूजन के लाभ इस प्रकार हैं-

  • जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
  • असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।
  • भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
  • लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
  • धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
  • तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
  • पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
  • रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है।
  • ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।
  • सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
  • प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है।
  • शकर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
  • सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
  • शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।
  • पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
  • गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।
  • पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें। ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है।

इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी भी पुराने नियमित रूप से पूजे जाने वाले शिवलिंग का अभिषेक बहुत ही उत्तम फल देता है किंतु यदि पारद के शिवलिंग का अभिषेक किया जाए तो बहुत ही शीघ्र चमत्कारिक शुभ परिणाम मिलता है। रुद्राभिषेक का फल बहुत ही शीघ्र प्राप्त होता है।

साथ ही पीठाधीश्वर जी ने कहा
प्रत्येक श्रद्धालु को पूजा के दौरान अपनी पहनावें का भी विशेष ध्यान देना चाहिए सदैव पूजा भारतीय परिधान में ही किया जाना चाहिए जैसे माताएं साड़ी एवं पुरुष धोती।


Post Views: 2

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*छत्तीसगढ़ में तैयार हो रहा सड़कों का मजबूत नेटवर्क, 18,215 करोड़ रुपये लागत…- भारत संपर्क| पवन सिंह से लेकर रवि किशन तक के साथ किया काम, अब इस हाल में जी रहे श्वेता तिवारी… – भारत संपर्क| दिल्ली-NCR में सुबह ही हो गया अंधेरा… झमाझम बारिश से डूबीं सड़कें, अगले क… – भारत संपर्क| अनंतकाल के लिए सरकारी आवास पर कब्जा नहीं रखा जाए, SC ने खारिज की पूर्व…| Jio 629 या Airtel 649? बेनिफिट्स में कौन किस पर भारी, रिचार्ज से पहले समझें – भारत संपर्क