माहे रमजान के तीसरे जुमा मस्जिदों में रही अकीदतमंदों की भीड़- भारत संपर्क
माहे रमजान के तीसरे जुमा मस्जिदों में रही अकीदतमंदों की भीड़
कोरबा। माहे रमजान के तीसरे जुमे पर मस्जिदों में भीड़ जुट। माह रमजान मुबारक के 20 रोजे पूरे हो गए। ईद के करीब आने के साथ ही अब रोजेदारों का उत्साह और बढऩे लगा है। मस्जिदों में भी जुमे की नमाज के लिए तैयारी सुबह से ही शुरू हो गयी थीं। मुकद्दस माहे रमजान के दो असरे पूरे होने को हैं। जिनमें पहला अशरा रहमत का, दूसरा असरा मगफिरत का आज अंतिम दिन है। शनिवार से तीसरा अशरा दोजख से निजात का शुरू हो गया। मुस्लिम बंधुओं ने कहा कि सभी मुसलमानों को चाहिए कि वह भविष्य में नेक नियत और अच्छे आमाल के साथ जिंदगी गुजारें। किसी का हक ना मारे क्योंकि सारे आमालो का दारोमदार नियत पर है। नियत अच्छी होगी तो सभी काम और आमाल भी अच्छे ही होंगे। खुतबे के बाद इमाम ने नमाज पढ़ाई। नमाज के बाद मुल्क में अमन चैन की दुआ की गयी। रमजान का तीसरा और अंतिम अशरा शुक्रवार से ही मगरिब की नमाज के बाद शुरू हो गया। इस अशरे को जहन्नुम की आग से निजात दिलाने वाला कहा जाता है। इस अशरे में की गई इबादत के बदले अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ कर उन्हें जहन्नुम की आग से निजात दे देता है। इसी अशरे की कोई एक रात शबे कद्र होती है। इस लिए लोग रात-रात भर जाग कर इबादत करते हैं। बताते हैं कि शबे कद्र की रात में की गई इबादत का सवाब एक हजार रातों की इबादत के बराबर होता है। इस रात में मांगी गयी दुआओं को अल्लाह कुबूल फरमाता है।