नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद के जीवन पर…- भारत संपर्क
सेंट्रल बंगाली एसोसिएशन द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के दो महान व्यक्तित्वों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद के जीवन और कार्यों पर एक ज्ञानवर्धक चर्चा का आयोजन किया गया। यह आयोजन आई.एम.ए. हॉल, सी.एम.डी चौक में हुआ, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में नेताजी सुभाष पर कोलकाता विश्वविद्यालय से शोध कार्य कर डॉक्टरेट उपाधि प्राप्त कर चुके डा. जयंत चौधरी और स्टेट बैंक के सहायक प्रबंधक, कोलकाता से सेवानिवृत्त कौशिक चटर्जी शामिल हुए।
आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में वैज्ञानिक डा. रघुनाथ भट्टाचार्य और मुख्य अतिथि स्वामी सेवाब्रतनंद (रामकृष्ण मिशन, कोनी) उपस्थित थे। सभागार दर्शकों से भरा हुआ था और सभी ने वक्ताओं के हृदयस्पर्शी अभिभाषण को ध्यानपूर्वक सुना।
चर्चा में स्वामी विवेकानंद के विशाल योगदान पर प्रकाश डाला गया। कौशिक चटर्जी ने स्वामी विवेकानंद को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गुरु के रूप में स्थापित करते हुए कहा कि भले ही दोनों महान हस्तियों की कभी व्यक्तिगत मुलाकात नहीं हुई, लेकिन नेताजी के जीवन और कार्यों में स्वामीजी के सिद्धांतों और आदर्शों की गहरी छाप थी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नेताजी ने जब जापान में आज़ाद हिंद फौज का नेतृत्व किया, तो स्वामी विवेकानंद की प्रचंड इच्छाशक्ति और आदर्श उनके मार्गदर्शन का मुख्य आधार थे।
डा. जयंत चौधरी ने नेताजी के संघर्ष और उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट और दस्तावेजों के आधार पर यह साबित होता है कि नेताजी की मौत 1945 में एक हवाई दुर्घटना में नहीं हुई थी, बल्कि यह एक साजिश थी।
वहीं, डॉ. रघुनाथ भट्टाचार्य ने स्वामी विवेकानंद और नेताजी के योगदान की सराहना करते हुए इस आयोजन की अहमियत पर जोर दिया। स्वामी सेवाब्रतनंद ने अपने संबोधन में कहा कि आज के समाज को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों की अधिक आवश्यकता है, क्योंकि शिक्षा और आत्मविश्वास से ही समाज का विकास संभव है।
कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के गीत “धनों धान्य पुष्प भरा” से हुई, जबकि नेताजी के प्रेरणादायक गीत “कदम कदम बढ़ाए जा” ने सभा में जोश भर दिया। कार्यक्रम का समापन “जय हिंद” के उद्घोषणा के साथ हुआ, जिससे सभी उपस्थित लोग भावविभोर हो गए।
आयोजन में उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों ने वक्ताओं का धन्यवाद किया और युवा पीढ़ी से नेताजी और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन महासचिव असित वरण दास ने किया और आयोजन में कई सम्मानित सदस्य एवं स्थानीय समुदाय ने योगदान दिया।
यह आयोजन निश्चित रूप से स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था, जो भविष्य की पीढ़ी को प्रेरित करेगा।
Post Views: 8